छत्तीसगढ़ सरकार ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई 2019 से 2023 के बीच हुए 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच से जुड़ी है। निलंबित अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और लगभग 88 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिसमें मुख्यमंत्री ने एक पारदर्शी और जवाबदेह शासन संरचना के प्रति प्रशासन के समर्पण पर जोर दिया है। सरकार नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठा रही है। सरकार डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा ऐप घोटाला और तेंदूपत्ता घोटाले जैसे अन्य कथित घोटालों की भी गहन जांच कर रही है। राज्य सरकार शासन और पारदर्शिता में सुधार के लिए जेम पोर्टल, ई-ऑफिस प्रणाली और सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 जैसी पहलों को भी लागू कर रही है।
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