बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जैसे-जैसे दिन नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों द्वारा अपनी मां के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी का मुद्दा उठाया, जिसके बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इसी राह पर चलने का फैसला किया।
दरअसल, पीएम मोदी ने विपक्षी हमलों का जवाब हमेशा संयम और शालीनता से दिया है। उन्होंने व्यक्तिगत हमलों को चुनावी हथियार बनाया, रैलियों में उन मुद्दों को उठाया और विपक्ष को घेरा।
2007 के गुजरात चुनाव में सोनिया गांधी ने उन्हें ‘मौत का सौदागर’ कहा था, जिसका कांग्रेस को नुकसान हुआ। 2014 में मणिशंकर अय्यर ने उन्हें ‘चायवाला’ कहा और प्रियंका गांधी ने ‘नीच’ शब्द का इस्तेमाल किया। 2019 में राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया, जो उनके लिए भारी पड़ा।
अब बिहार चुनाव से पहले, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने मतदाता अधिकार यात्रा निकाली। इस दौरान पीएम मोदी की मां को अपमानित करने वाली बातें कहीं गईं। इस पर पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया।
तेजस्वी यादव ने ‘मां’ शब्द की नई परिभाषा गढ़ते हुए ‘समृद्ध महिला, सशक्त महिला और सुरक्षित महिला’ का नारा दिया। उन्होंने MAA योजना का ऐलान किया, जिसमें एम का मतलब मकान, ए का मतलब अनाज और ए का मतलब आमदनी है। तेजस्वी यादव बिहार की महिलाओं को चुनाव में महत्वपूर्ण मानते हैं।
महिला वोटरों को लुभाने के लिए सभी दल सक्रिय हैं। आरजेडी ने मां योजना की घोषणा की है, जबकि प्रियंका गांधी महिलाओं से मिलेंगी और चुनावी घोषणा पत्र जारी करेंगी। पीएम मोदी भी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 75 लाख महिलाओं को 10-10 हजार रुपये देने वाले हैं।
नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जैसे कि स्थानीय निकायों में 50% आरक्षण, बालिका साइकिल योजना, नौकरियों में 35% आरक्षण और कन्या उत्थान योजना।