सीतामढ़ी में एक पिता, रहमान मियां, ने अपने बेटे को कानूनी पचड़े से बचाने के लिए एक फर्जी स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट पेश किया, लेकिन उनकी चालाकी नाकाम रही। किशोर न्याय बोर्ड ने सर्टिफिकेट को फर्जी पाया और पिता के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।
रहमान ने कोर्ट में हलफनामा देकर दावा किया था कि उसका बेटा नाबालिग है, लेकिन बोर्ड ने इस दावे को खारिज कर दिया। जांच में पता चला कि स्कूल से जारी किया गया सर्टिफिकेट फर्जी था। स्कूल के हेड मास्टर ने बोर्ड के सामने गवाही दी कि उनके स्कूल में फिरोज नाम के किसी छात्र का नाम दर्ज ही नहीं है।
परिणामस्वरूप, रहमान मियां के खिलाफ डुमरा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह घटना पिता द्वारा अपने बेटे को बचाने की कोशिश में उठाए गए एक गलत कदम का परिणाम है।