बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं, लेकिन मुख्य मुद्दा सीटों का बंटवारा बना हुआ है। महागठबंधन में सहमति नहीं बन पा रही है। आरजेडी, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में, कांग्रेस को पिछली बार से कम सीटें देने पर विचार कर रही है और इस मामले में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, आरजेडी ने कांग्रेस को साफ शब्दों में बता दिया है कि वह ‘जिताऊ-हराऊ’ सीटों की अदला-बदली को स्वीकार नहीं करेगी। मुकेश सहनी, पशुपति पारस और हेमंत सोरेन जैसे नए सहयोगियों के कारण आरजेडी समीकरण बनाने में जुटी है। दरअसल, 243 विधानसभा सीटों में से कुछ इन तीनों दलों को भी देनी होंगी, जिससे कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, आरजेडी उन सीटों पर ध्यान दे रही है जहां लेफ्ट पार्टियों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। ऐसे में आरजेडी और कांग्रेस दोनों ही पिछली बार से कम सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। तेजस्वी यादव की पार्टी ने कांग्रेस को स्पष्ट कर दिया है कि उसकी सीटों में कटौती की जाएगी। इसके बाद बची हुई सीटों में से ही कांग्रेस को चुनाव के लिए विकल्प चुनने होंगे, क्योंकि कांग्रेस 70 सीटों की मांग कर रही है।