इस बार बिहार में NDA को थोड़ी चुनौती मिल रही है, जिसे देखते हुए NDA ने बूथ स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बनाई है। NDA को पता है कि अगर जीत हासिल करनी है तो बूथ स्तर पर मज़बूत होना ज़रूरी है। इसी के तहत, NDA ने एक रणनीति तैयार की है जिसके अंतर्गत प्रत्येक बूथ पर लगभग 10 युवा कार्यकर्ताओं को तैनात किया जाएगा। इसका लक्ष्य है कि बीजेपी, जेडीयू और NDA के अन्य दल सीधे मतदाताओं से जुड़ सकें। ये युवा सरकार की योजनाओं का प्रचार करेंगे और मतदाताओं से संवाद स्थापित करेंगे।
बिहार में बूथों की संख्या 72,000 से बढ़कर 94,000 हो गई है। इनमें से 4180 बूथ ऐसे हैं जहाँ पिछले चुनावों में NDA को 30% से भी कम वोट मिले थे। इन कमजोर बूथों को मजबूत करने के लिए, पार्टी ‘एक बूथ-10 यूथ’ अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत, हर बूथ पर दस युवा कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा जो मतदाताओं से सीधा संपर्क करेंगे और NDA द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को अब बूथ स्तर पर पहुंचाया जाएगा। NDA सरकार ने बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेंशन को बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। युवाओं के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 4 लाख रुपये तक शिक्षा ऋण उपलब्ध है। महिलाओं के लिए भी कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें जीविका समूहों को 105 करोड़ रुपये दिए गए हैं जिससे 1 करोड़ 40 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत, प्रत्येक परिवार से एक महिला को 10,000 रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 सितंबर को 50 लाख महिलाओं के खातों में पहली किस्त भेजेंगे। बूथ स्तर पर बीजेपी के युवा कार्यकर्ता इन योजनाओं को घर-घर तक ले जाएंगे और लाभार्थियों से सीधा संपर्क करेंगे।
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता राजू तिवारी के अनुसार, यह मॉडल बिहार के 4180 कमजोर बूथों पर फोकस करेगा। ‘एक बूथ-10 यूथ’, डिजिटल योद्धाओं और डबल इंजन सरकार की योजनाओं का प्रचार मिलकर चुनावी परिणाम बदल सकते हैं। इस बार NDA मिलकर प्रचार करेगी और सभी दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे।