बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन सियासी समीकरणों का दौर जारी है। महागठबंधन में कई छोटी पार्टियाँ शामिल होने की कोशिश कर रही हैं। AIMIM, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी, भी लंबे समय से महागठबंधन में शामिल होना चाहती है, लेकिन लालू यादव और तेजस्वी यादव ने अभी तक हरी झंडी नहीं दी है। कांग्रेस भी AIMIM को साथ लेने के पक्ष में नहीं दिख रही है। इस बीच, ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन पर दबाव बनाने के लिए एक नया अभियान शुरू कर दिया है।
AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान अपने समर्थकों के साथ पटना में लालू प्रसाद यादव के आवास पर पहुँचे और अपनी पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
अख्तरुल इमान ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष वोटों के बिखराव से सीधे तौर पर बीजेपी को फायदा होगा, इसलिए सभी दलों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने लालू प्रसाद यादव को अपनी मांग के समर्थन में एक पत्र देने की कोशिश की, लेकिन वहाँ कोई मौजूद नहीं था। प्रदर्शन के बाद, इमान ने कहा कि उनका पत्र तक स्वीकार नहीं किया गया। AIMIM नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि महागठबंधन उन्हें साथ ले। इमान ने कहा कि अगर बिहार में धर्मनिरपेक्ष वोट विभाजित हो गए, तो इससे महागठबंधन को नुकसान होगा और बीजेपी को फायदा होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि आरजेडी मुसलमानों का वोट तो चाहती है, लेकिन मुस्लिम नेतृत्व को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती। इमान ने चेतावनी दी कि अगर चुनाव के बाद आरजेडी AIMIM पर उनकी सरकार न बनने का आरोप लगाती है, तो यह गलत होगा। AIMIM हमेशा बीजेपी को रोकने और मिलकर चुनाव लड़ने की कोशिश करती रही है।
AIMIM लंबे समय से महागठबंधन का हिस्सा बनने की कोशिश कर रही है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस किसी भी सांप्रदायिक पार्टी को अपने गठबंधन में शामिल नहीं करना चाहती हैं। जुलाई में भी AIMIM ने महागठबंधन के नेताओं को पत्र लिखकर शामिल होने की बात कही थी, लेकिन तब भी प्रस्ताव ठुकरा दिया गया था। आरजेडी और कांग्रेस के प्रस्ताव ठुकराने के बाद, AIMIM ने कहा था कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी। अख्तरुल इमान ने कहा कि AIMIM जनता के भरोसे के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेगी।