बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर राजनीति गरमा गई है। एनडीए ने इसके विरोध में 4 सितंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है, जिसमें भाजपा और उसके सहयोगी दल शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह भले ही आरजेडी और कांग्रेस को माफ कर दें, लेकिन बिहार की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। भाजपा इस मुद्दे पर व्यापक अभियान चलाने की तैयारी कर रही है।
पार्टी इस मुद्दे को निचले स्तर तक ले जाकर विधानसभा और मंडल स्तर तक विरोध प्रदर्शन करेगी, जहां महिलाओं के अपमान का मुद्दा उठाया जाएगा। प्रदर्शनों में जनता को बताया जाएगा कि अगर पीएम मोदी की मां को गाली दी जा सकती है, तो सरकार बनने पर वे बिहार की महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करेंगे।
इस मामले पर चर्चा के लिए बुधवार को दिल्ली में भाजपा की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। बैठक में चुनावी रणनीति पर अंतिम रूप दिया जाएगा।
बैठक में जेपी नड्डा, दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, विनोद तावड़े, दीपक प्रकाश, भिखुभाई दलसानिया और नागेंद्रनाथ के शामिल होने की संभावना है।
बैठक में संगठन, राजनीतिक मुद्दे, एनडीए समन्वय, जमीनी फीडबैक और सरकार के प्रदर्शन पर चर्चा होगी। विपक्ष की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के प्रभाव का भी विश्लेषण किया जाएगा।
भाजपा का मानना है कि इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के प्रभाव का आकलन किया जाएगा।
भाजपा की नजर कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज की 30 सीटों पर है। पीएम मोदी 15 सितंबर को पूर्णिया में एक रैली को संबोधित करेंगे। भाजपा ने संगठन के लिए बिहार को 11 प्रखंडों में विभाजित किया है, और पीएम का दौरा सभी प्रखंडों को कवर करेगा।