गयाजी में पितृपक्ष मेला 2025, 6 से 21 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया जाएगा। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC) ने उन लोगों के लिए ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा शुरू की है जो दूरी या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से गयाजी नहीं आ सकते।
ऑनलाइन पिंडदान में पूजा सामग्री, पुजारी और धार्मिक अनुष्ठान शामिल होंगे, जिसके लिए 23 हजार रुपये का पैकेज तय किया गया है। पिंडदान विष्णुपद मंदिर, अक्षयवट और फल्गु नदी में किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया रिकॉर्ड करके पिंडदानी को भेजी जाएगी। यह सुविधा भारत के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले लोगों के लिए भी उपलब्ध है। बुकिंग 25 या 26 अगस्त से शुरू होगी।
विष्णुपद प्रबंधकारिणी सदस्य प्रेमनाथ टैया ने ऑनलाइन पिंडदान का विरोध किया और इसे सनातनी संस्कृति के खिलाफ बताया। उनका मानना है कि गयाजी में पितरों का उद्धार तभी होता है जब पुत्र स्वयं आकर तर्पण करते हैं।