बिहार में चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले ही सियासी माहौल गर्मा गया है। इस बार का एजेंडा तय होता दिख रहा है, जिसमें कांग्रेस और राजद जैसे विपक्षी दल मतदाता सूचियों में धांधली और लोकसभा चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए विपक्षी पार्टियों पर घुसपैठियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। इस मामले में सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी और अभिषेक बनर्जी तक के निर्वाचन क्षेत्रों में नामों को लेकर धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी घुसपैठियों के मुद्दे पर हमलावर हैं।
कांग्रेस पार्टी, हरियाणा और मध्य प्रदेश के चुनाव के बाद से ही चुनाव आयोग पर धांधली का आरोप लगा रही है, और भाजपा पर मिलीभगत करके चुनाव नतीजों में हेरफेर करने का आरोप लगा रही है।
इस बीच, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा के साथ ही इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने इसका विरोध किया और 300 सांसदों के साथ चुनाव आयोग तक मार्च किया। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के महादेवपुरा लोकसभा क्षेत्र में एक लाख मतदाताओं के फर्जीवाड़े का आरोप लगाया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया।
विपक्ष ने वोट चोरी को मुद्दा बना लिया है। तेजस्वी यादव ने भाजपा नेताओं पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया और चुनौती दी कि एसआईआर में एक भी घुसपैठिया साबित करके दिखाओ।
कांग्रेस सोशल मीडिया पर वोट चोरी के खिलाफ अभियान चला रही है, जिसमें चुनाव आयोग और भाजपा दोनों पर निशाना साधा जा रहा है। राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार का दौरा शुरू करेंगे और मतदाता अधिकार यात्रा के तहत 1300 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेंगे, जिसमें इंडिया गठबंधन के नेता शामिल होंगे।
भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस और राजद पर वोट चोरी का आरोप लगाया और घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगाया। अमित शाह ने कहा कि भारत में पैदा न होने वालों को वोट देने का अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस पर घुसपैठियों का जिक्र किया और जनसांख्यिकीय बदलावों से बचाने की बात कही।
भाजपा ने विपक्षी नेताओं द्वारा जीती गई सीटों की जांच भी शुरू कर दी है। भाजपा ने चुनाव आयोग का बचाव करते हुए कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया।
विवाद बढ़ने के साथ ही भाजपा ने आक्रामक रुख अपना लिया है। धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव ने राहुल गांधी पर चुनाव आयोग के आंकड़ों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि हार के बाद कांग्रेस हमेशा व्यवस्था को बदनाम करने की कोशिश करती है।
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख ने सोनिया गांधी के भारतीय नागरिक बनने से पहले ही मतदाता बनने का आरोप लगाया।
धर्मेंद्र प्रधान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी वोट बैंक की राजनीति में लगे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दिग्गजों के निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता पंजीकरण में अनियमितताओं का आरोप लगाया।
मतदाता सूची में विसंगतियों के आरोपों के बाद, मतदाता सूचियों और पहचान पत्रों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे मतदाताओं के मन में शंका पैदा हो सकती है और मतदान के दिन उनके विश्वास पर असर पड़ सकता है, क्योंकि ‘वोट चोरी’ एक नया चलन बन सकता है।