बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हैं। इस बीच, एसआईआर (SIR) का मुद्दा गरमाया हुआ है, जिस पर सत्ता पक्ष, विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच बयानबाजी जारी है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जिसने हाल ही में अंतरिम आदेश दिया है। आरजेडी और कांग्रेस इसे न्याय की जीत बता रहे हैं।
**1. तेजस्वी यादव का बयान:**
तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कहा कि एसआईआर पर उनकी मांग को स्वीकार किया गया है, और इसे न्याय की जीत बताया। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह इस मामले को छुपाने की कोशिश कर रहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने उजागर कर दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी नेता एसआईआर के मुद्दे पर एक साथ बैठे थे और चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन आयोग का रवैया कभी भी सकारात्मक नहीं रहा।
**2. कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक:**
कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में 19 जिलों के उम्मीदवारों ने अपने आवेदन दिए। इन आवेदकों में पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व मेयर और समाजसेवी शामिल थे। बैठक की अध्यक्षता अजय माकन ने की, जिसमें कई अन्य नेता भी मौजूद थे।
**3. JDU का प्रदेशव्यापी अभियान:**
जेडीयू 17 अगस्त से ‘सुशासन का सार-आपके द्वार’ नाम से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू करेगा, जो 23 अगस्त तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य नीतीश कुमार सरकार की उपलब्धियों को मतदाताओं तक पहुंचाना है। पार्टी के पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।
**4. ऋतुराज सिन्हा का हमला:**
भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर एसआईआर मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष एसआईआर का विरोध फर्जी मतदाताओं को बचाने के लिए कर रहा है।
**5. नीतीश कुमार के 20 साल:**
बिहार सरकार की मंत्री शीला मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 20 सालों में बिहार की तस्वीर बदल दी है, और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण काम किया है।
**6. मुकेश सहनी का दावा:**
वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने दावा किया कि अगले तीन महीनों में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी।
**7. नित्यानंद राय का बयान:**
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को नकार दिया है और बिहार में अब राजद और कांग्रेस की सरकार नहीं आएगी।
**8. कांग्रेस का स्वागत:**
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का स्वागत किया, जिसे 65 लाख मतदाताओं के अधिकारों को वापस दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।