बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक नई बहस छिड़ गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उनका नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं है। तेजस्वी, जो राजद के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी हैं, ने कहा कि उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान नामांकन फॉर्म भरा था, लेकिन उनका नाम सूची में नहीं है।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए, जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव को ‘राजनीतिक धोखेबाज’ बताया और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। चुनाव आयोग (ईसीआई) ने भी तुरंत इस दावे का खंडन किया और इसे ‘झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत’ बताया।
पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा, “मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं है। मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा?” उन्होंने दावा किया कि उनका ईपीआईसी नंबर दर्ज करने के बाद भी उनके नाम की जानकारी सिस्टम में नहीं मिल रही है। इसके जवाब में, पटना जिला प्रशासन ने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में मौजूद है, लेकिन उनका मतदान केंद्र और सीरियल नंबर बदल दिया गया है। तेजस्वी यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर मेरा ईपीआईसी नंबर बदला जा सकता है, तो कितने लोगों का ईपीआईसी नंबर बदला गया होगा? यह लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश है।”
चुनाव आयोग ने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में शामिल है और उनका नाम सीरियल नंबर 416 पर दर्ज है। तेजस्वी यादव ने अभी तक चुनाव आयोग के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह मामला बिहार की राजनीति में तनाव बढ़ा रहा है, खासकर चुनाव के समय।