बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले, राज्य में मतदाता सूची को लेकर विवाद छिड़ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है, जबकि जीवित लोगों को सूची से हटा दिया गया है। तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान नामांकन फॉर्म भरा था, लेकिन उनका नाम सूची में नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि वह चुनाव कैसे लड़ेंगे।
जदयू ने तेजस्वी यादव पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी को ‘राजनीतिक ढोंगी’ बताया। चुनाव आयोग ने भी तेजस्वी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनका नाम मतदाता सूची में मौजूद है और यह दावा गलत है। आयोग ने कहा कि तेजस्वी का नाम मतदाता सूची में सीरियल नंबर 416 पर दर्ज है।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनका ईपीआईसी नंबर बदला जा सकता है, तो कितने लोगों के साथ ऐसा हुआ होगा। उन्होंने चुनाव आयोग पर लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश का आरोप लगाया।
एसआईआर बिहार में चल रही एक विशेष प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची का सत्यापन किया जा रहा है। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और 243 निर्वाचन अधिकारी मतदाता या किसी राजनीतिक दल को मतदाता सूची में किसी भी विसंगति के खिलाफ आपत्ति दर्ज करने के लिए आमंत्रित करेंगे। आपत्तियां 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक दर्ज कराई जा सकती हैं। चुनाव आयोग (ईसीआई) ने 24 मई को बिहार में एसआईआर आयोजित करने का निर्देश दिया था, जिसका उद्देश्य सभी योग्य नागरिकों के नामों को पारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में शामिल करना था। मतदाता ईसीआई वेबसाइट पर अपना विवरण देख सकते हैं।