बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ, राजनीतिक परिदृश्य गर्म हो रहा है। राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन एक बड़ा अभियान शुरू करने की रणनीति बना रहा है। तेजस्वी यादव ने मतदाताओं को लामबंद करने के उद्देश्य से ‘अगस्त क्रांति’ अभियान की घोषणा की है।
विपक्षी गठबंधन, INDIA, अगस्त के दूसरे सप्ताह में बिहार में कई रैलियों और जनसभाओं का आयोजन करेगा, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे प्रमुख नेता शामिल होंगे। यह कदम राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति और हाल की हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंताओं से प्रेरित है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची में संशोधन और बढ़ते अपराध दर जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला है। INDIA गठबंधन रक्षाबंधन के बाद बिहार के सभी नौ मंडलों में रैलियां आयोजित करने की योजना बना रहा है।
विपक्ष की रणनीति भारत की स्वतंत्रता के लिए ऐतिहासिक आंदोलन, ‘अगस्त क्रांति’ की भावना को जगाना है। विपक्ष नीतीश कुमार सरकार के प्रति जनता के असंतोष का फायदा उठाने का लक्ष्य रखता है, जिसमें अपराध, शासन और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विपक्ष 1942 के आंदोलन के प्रभाव को दोहराने की उम्मीद करता है, जिसने ब्रिटिश शासन को कमजोर कर दिया।
साथ ही, सत्तारूढ़ एनडीए सक्रिय रूप से प्रचार कर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वास्थ्य कर्मियों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बढ़ी हुई वित्तीय सहायता सहित कई घोषणाएं कर रहे हैं। इन घोषणाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बार-बार की यात्राओं का उद्देश्य आगामी चुनावों में मतदाता समर्थन बनाए रखना है। चुनाव यह निर्धारित करेंगे कि विपक्ष की ‘अगस्त क्रांति’ या सरकार की रणनीतियाँ प्रबल होंगी।