बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) कृषि नवाचार के मामले में सबसे आगे है। इसका परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशाला वर्तमान में अपने फल अनुसंधान प्रयोगशाला में आम की 225 से अधिक किस्मों पर शोध कर रही है। छात्र और शोधकर्ता प्रत्येक आम का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर रहे हैं ताकि इसकी चीनी की मात्रा निर्धारित की जा सके। लक्ष्य कम चीनी स्तर वाले आमों को क्रॉस-ब्रीड करना है ताकि एक नई किस्म बनाई जा सके जिसका मधुमेह रोगी सुरक्षित रूप से आनंद ले सकें। मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति, संजय कुमार ने हाल ही में बीएयू में एक आम प्रदर्शनी के दौरान इस शोध की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसके बाद बीएयू के कुलपति, डॉ. डी.आर. सिंह ने त्वरित कार्रवाई की।
Trending
- विद्या बालन: छोटे पर्दे से बॉलीवुड तक का सफर
- Vivo V60 5G: लॉन्च से पहले लीक हुई कीमत, जानें डिटेल्स
- मनीष पांडे ने 77 दिनों के बाद की शानदार वापसी, टीम को दिलाई जीत
- स्कोडा ने भारत में 25वीं वर्षगांठ पर लॉन्च की स्पेशल एडिशन कार, केवल 500 ग्राहकों को मिलेगा मौका
- सांसद आवास कॉम्प्लेक्स: कोसी नदी का नाम, बिहार के प्रति पीएम मोदी का स्नेह
- शिबू सोरेन: जननायक की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा, झारखंड के लोग भावुक
- छत्तीसगढ़: 260 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
- विपक्ष का चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन, वोट चोरी का आरोप और रात्रिभोज