बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) कृषि नवाचार के मामले में सबसे आगे है। इसका परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशाला वर्तमान में अपने फल अनुसंधान प्रयोगशाला में आम की 225 से अधिक किस्मों पर शोध कर रही है। छात्र और शोधकर्ता प्रत्येक आम का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर रहे हैं ताकि इसकी चीनी की मात्रा निर्धारित की जा सके। लक्ष्य कम चीनी स्तर वाले आमों को क्रॉस-ब्रीड करना है ताकि एक नई किस्म बनाई जा सके जिसका मधुमेह रोगी सुरक्षित रूप से आनंद ले सकें। मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति, संजय कुमार ने हाल ही में बीएयू में एक आम प्रदर्शनी के दौरान इस शोध की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसके बाद बीएयू के कुलपति, डॉ. डी.आर. सिंह ने त्वरित कार्रवाई की।
Trending
- पंत का दोहरा शतक: इंग्लैंड में भारत के लिए एक पहला
- रॉयल एनफील्ड FT450 फ्लैटट्रैकर: अनावरण और भारत में लॉन्च की संभावना?
- बिहार के विधायक के घर में बड़ी चोरी: उपकरण और फिक्सचर चोरी
- गृह मंत्री शाह ने 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का वादा किया, सुरक्षा बलों की सराहना की
- पहलगाम हमला: NIA ने आतंकियों और उनके मददगारों के बारे में जानकारी जुटाई
- 12 घंटे की चेतावनी: मोसाद ऑडियो में ईरानी जनरलों को मिली धमकी
- ‘द वर्डिक्ट’ कोर्टरूम ड्रामा, जिसमें सुहासिनी हैं, ओटीटी की ओर
- भारत में Google सर्च AI मोड लॉन्च, जेमिनी 2.5, वॉयस और इमेज सपोर्ट सहित