जैसे-जैसे भारत के बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है, खासकर सर्दियों के महीनों में, कार एयर प्यूरीफायर यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान बन गए हैं। ये छोटे गैजेट्स आपकी कार के अंदर की हवा को साफ करके आपको स्मॉग और हानिकारक कणों से बचाते हैं, जिससे आपकी यात्रा सुरक्षित और स्वस्थ हो जाती है।
नई दिल्ली: दिल्ली, लखनऊ और मुंबई जैसे महानगरों में जहरीले स्मॉग के कारण हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है। ऐसे में, कार एयर प्यूरीफायर इन-कार एक्सेसरी के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ये उपकरण कार केबिन के अंदर की हवा को शुद्ध करते हैं, जिससे प्रदूषक, एलर्जी पैदा करने वाले कण और धुएं के कणों को हटाया जा सके। इस प्रकार, वे आपके दैनिक आवागमन को स्वास्थ्यकर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बाजार के रुझान बताते हैं कि वैश्विक कार एयर प्यूरीफायर बाजार 2035 तक 15.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकता है, जो सालाना 16% से अधिक की दर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि दर्शाती है कि यात्रा के दौरान स्वच्छ हवा की मांग कितनी बढ़ रही है, और भारतीय उपभोक्ता, विशेष रूप से प्रदूषित शहरों में रहने वाले, इस समाधान को अपना रहे हैं।
शहरी भारत में कार एयर प्यूरीफायर की बढ़ती मांग के पीछे क्या कारण हैं? इन-कार प्रदूषण और बाहरी वायु गुणवत्ता में गिरावट के बारे में बढ़ती जागरूकता कार एयर प्यूरीफायर की मांग को बढ़ा रही है। ये उपकरण HEPA फिल्टर, एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर और आयनाइज़र जैसी तकनीकों का उपयोग करके कार के अंदर की धूल, हानिकारक गैसों और अप्रिय गंधों को प्रभावी ढंग से पकड़ते हैं।
ऑटोमोबाइल निर्माता भी इस प्रवृत्ति को पहचान रहे हैं। हुंडई, टोयोटा और एमजी जैसी कंपनियों ने अपने कुछ प्रीमियम कार मॉडल में इन-बिल्ट एयर प्यूरीफायर की सुविधा देना शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त, फिलिप्स, हनीवेल और यूरेका फोर्ब्स जैसे विश्वसनीय ब्रांडों के आफ्टरमार्केट कार एयर प्यूरीफायर ऑनलाइन बिक्री में धूम मचा रहे हैं।
स्मॉग और ट्रैफिक प्रदूषण से बचाव: भारत के शहरों में वाहनों की बढ़ती संख्या और निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल ने कार एयर प्यूरीफायर को शहर के निवासियों के लिए एक आवश्यक वस्तु बना दिया है। ये प्यूरीफायर गाड़ियों के धुएं और स्मॉग से निकलने वाले PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कणों को छानकर श्वसन संबंधी समस्याओं, जैसे खांसी, छींक और आँखों में जलन को कम करने में मदद करते हैं।
जो लोग अक्सर पीक आवर्स में गाड़ी चलाते हैं या औद्योगिक क्षेत्रों के पास रहते हैं, उनके लिए कार एयर प्यूरीफायर यह सुनिश्चित करता है कि बाहर कितनी भी खराब हवा क्यों न हो, कार के अंदर एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण बना रहे।
वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता और भारत में विकास की अपार संभावनाएं: अमेरिका, जर्मनी, चीन और जापान जैसे देशों में इन-कार एयर प्यूरीफायर पहले से ही आम हैं, और प्रीमियम कारों में यह सुविधा मानक बन गई है। भारत भी इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसमें 20% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर देखी जा रही है। यह ट्रेंड केवल महंगी गाड़ियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मध्यम वर्ग और कैब सेवाओं द्वारा संचालित फ्लीट ऑपरेटरों में भी लोकप्रिय हो रहा है, जो यात्रियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा प्रदान करना चाहते हैं।
भारत में कार एयर प्यूरीफायर के प्रमुख ब्रांड: भारत में कार एयर प्यूरीफायर बाजार में फिलिप्स गो प्योर सीरीज़ (मेडिकल-ग्रेड HEPA फिल्टरेशन), हनीवेल मूव प्योर (छोटी कारों के लिए उपयुक्त), और यूरेका फोर्ब्स एरोजार्ड (बहु-स्तरीय फिल्टरेशन और गंध नियंत्रण) जैसे ब्रांड लोकप्रिय हैं। शार्प और पैनासोनिक प्रीमियम वाहनों के लिए आयनाइज़र-आधारित प्यूरीफायर पेश करते हैं।
कुछ बातों पर विचार करना आवश्यक है: हालांकि कार एयर प्यूरीफायर प्रभावी होते हैं, लेकिन कुछ सीमाएँ हैं: ये खुली खिड़कियों से आने वाली बाहरी हवा को शुद्ध नहीं करते हैं। फिल्टर को नियमित रूप से बदलना पड़ता है, जिससे लागत बढ़ सकती है। कुछ सस्ते मॉडल ओजोन गैस उत्पन्न कर सकते हैं, जो अधिक मात्रा में हानिकारक होती है।
बढ़ता शहरी प्रदूषण, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में वृद्धि और सरकार की स्वच्छ हवा के लिए पहल, कार एयर प्यूरीफायर बाजार के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है। उम्मीद है कि अगले दशक में भारत में इस बाजार में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी। भविष्य में IoT-आधारित और AI-संचालित एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग वाले कार प्यूरीफायर भारतीय उपभोक्ताओं के लिए और भी स्मार्ट और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगे।
