मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने संकेत दिया है कि कंपनी के पांचवें विनिर्माण संयंत्र की स्थापना को लेकर निर्णय लगभग अंतिम चरण में है और अगले कुछ महीनों में इसकी घोषणा की जा सकती है। यह कदम कंपनी की भविष्य की विकास रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण है।
हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में की गई कटौती ने छोटी कारों की बिक्री को बढ़ावा दिया है, जिससे बाजार में एक नई जान आ गई है। भार्गव ने बताया कि इस सकारात्मक रुझान को देखते हुए, कई वाहन निर्माता अपनी उत्पाद श्रृंखला में बदलाव करने पर विचार कर सकते हैं।
भार्गव ने आय सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा कि कंपनी के वित्तीय अनुमानों में भी कुछ बदलाव होने की संभावना है। पहले 2030-31 तक कारोबार दोगुना कर 1.68 लाख करोड़ रुपये करने और 40 लाख यूनिट उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब GST के प्रभाव के कारण इसे संशोधित किया जाएगा। कंपनी वर्तमान में इन नई योजनाओं को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे GST के पूर्ण प्रभाव को पूरी तरह से नहीं दर्शाते हैं। भार्गव को उम्मीद है कि चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में बिक्री की मात्रा पहली छमाही की तुलना में काफी अधिक रहेगी।
नए संयंत्र की बात करें तो गुजरात में 35,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। मारुति सुजुकी इंडिया के मार्केटिंग और सेल्स के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, पार्थो बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि GST कटौती के बाद, ऑल्टो K10, एस-प्रेसो, वैगन आर और सेलेरियो जैसी छोटी कारों की खुदरा बिक्री में हिस्सेदारी 16.7% से बढ़कर 20.5% हो गई है, जो इस सेगमेंट की मजबूत वापसी को दर्शाता है।
