भारत सरकार 1 अक्टूबर 2027 से इलेक्ट्रिक कारों, बसों और ट्रकों में AVAS (Acoustic Vehicle Alerting System) को अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है। MoRTH के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों में आवाज की कमी पैदल चलने वालों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए खतरा पैदा कर सकती है। यह नया नियम 1 अक्टूबर 2026 से नए पैसेंजर (M श्रेणी) और गुड्स (N श्रेणी) EV मॉडल पर लागू होगा, और 1 अक्टूबर 2027 तक सभी मौजूदा EV मॉडल पर लागू हो जाएगा। AVAS सिस्टम 20 किमी/घंटा तक की गति पर सक्रिय होगा, क्योंकि इस गति पर वाहन बहुत शांत होते हैं और पैदल चलने वालों को सुनाई नहीं देते। यह तकनीक शहरी क्षेत्रों में विशेष रूप से दृष्टिबाधित लोगों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। AVAS वाहनों से निकलने वाली कृत्रिम आवाज को एक समान और सुरक्षित बनाने के लिए AIS-173 मानकों के अनुसार स्थापित किया जाएगा। अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ जैसे कई देशों में पहले से ही EV और हाइब्रिड वाहनों में AVAS अनिवार्य है। भारत का यह कदम वैश्विक सुरक्षा मानकों के अनुरूप है। MoRTH ने ट्यूबलेस टायर वाले वाहनों में स्पेयर टायर रखने की अनिवार्यता को हटाने का भी प्रस्ताव दिया है। सुरक्षित EVs में Tata Punch EV, Tata Nexon EV, और Mahindra XUV400 EV शामिल हैं।
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