भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 38वें स्थान पर पहुंच गया है, जो 2015 में 81वां था। यह परिवर्तन भारत में इनोवेशन को बढ़ावा देने में सरकार, युवाओं, डिजिटल क्रांति और स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025, जो विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा जारी किया गया है, में भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है। स्विट्जरलैंड इस रैंकिंग में शीर्ष पर है, और यह इंडेक्स लगभग 140 अर्थव्यवस्थाओं की इनोवेशन क्षमता को मापने के लिए विभिन्न कारकों, जैसे R&D खर्च, वेंचर कैपिटल निवेश, हाई-टेक निर्यात, और बौद्धिक संपदा के आंकड़ों का उपयोग करता है। भारत की इस सफलता का एक प्रमुख कारण अनुसंधान और विकास (R&D) पर बढ़ता हुआ ध्यान है। केंद्र और राज्य सरकारें वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी विकास, और नए प्रयोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं। स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों ने युवाओं को अपने इनोवेटिव विचारों को व्यवसाय में बदलने का अवसर दिया है, जिससे भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक बन गया है। डिजिटल इंडिया अभियान ने भी नवाचार को बढ़ावा दिया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ी है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार में नए अवसर खुले हैं। फिनटेक, ई-कॉमर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। भारत में वेंचर कैपिटल निवेश और निजी क्षेत्र के सहयोग से, युवा उद्यमियों के नए स्टार्टअप्स को वैश्विक पहचान मिल रही है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा और कौशल विकास भी भारत की नवाचार यात्रा का एक अभिन्न अंग है, जिसमें IIT, IIM और अन्य प्रमुख संस्थान अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
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