भारत सरकार ने 20% इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल (E20) की आपूर्ति पूरे देश में शुरू कर दी है, जो 2030 की समय सीमा से पहले हासिल कर लिया गया। अब सरकार E20 पेट्रोल की तरह ब्लेंडेड डीजल लाने की योजना बना रही है, जिसमें इथेनॉल के बजाय इथेनॉल से बने आइसोब्यूटेनॉल का उपयोग किया जाएगा।
सरकार ने पहले डीजल में इथेनॉल मिलाने की कोशिश की, जो सफल नहीं रही। इसी वजह से अब डीजल में आइसोब्यूटेनॉल मिलाने की कोशिश की जा रही है, जो अभी प्रयोग के चरण में है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी दी है।
गडकरी ने बताया कि डीजल में 10% इथेनॉल मिलाने का प्रयोग असफल रहा था। अब आइसोब्यूटेनॉल मिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई, लेकिन कहा कि यह प्रयोगों पर निर्भर करेगा।
वर्तमान में, पूरे देश में बिकने वाले E20 पेट्रोल में 20% इथेनॉल और 80% पेट्रोल होता है। इथेनॉल मुख्य रूप से गन्ने, मक्का और चावल जैसे अनाजों से बनता है। अप्रैल 2023 में इसकी शुरुआत चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर हुई थी और अप्रैल 2025 तक यह पूरे भारत में लागू हो चुका है।
केंद्रीय मंत्री ने सरकार के एथेनॉल कार्यक्रम की आलोचनाओं को खारिज करते हुए बताया कि यह उनके खिलाफ पैसों से चलाया गया कैंपेन था और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिकाओं को पहले ही खारिज कर दिया है। वाहन मालिकों और सर्विस सेंटर्स ने अधिक इथेनॉल वाले ईंधन से पुरानी गाड़ियों की माइलेज और इंजन पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चिंता जताई थी।