GST दर में बदलाव: हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित GST में बदलाव अब लागू हो गए हैं। 56वीं GST काउंसिल की बैठक में 12% और 28% के टैक्स स्लैब को हटा दिया गया है, जिससे अब केवल 5% और 18% के स्लैब रह गए हैं।
इस बदलाव के बाद, गाड़ियों की कीमतों पर महत्वपूर्ण असर पड़ेगा। छोटे पेट्रोल और डीजल कार खरीदारों को राहत मिलेगी, जबकि लग्जरी और हाई-एंड इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
छोटे वाहनों को फायदा
मध्यम वर्ग को लंबे समय से कारों की बढ़ती कीमतों से परेशानी हो रही थी। GST 2.0 के तहत, 4 मीटर से कम लंबाई वाली कारें, जिनमें 1200 सीसी तक की पेट्रोल और 1500 सीसी तक की डीजल कारें शामिल हैं, सस्ती हो जाएंगी।
लग्जरी और SUV होंगी महंगी
यदि आप नई SUV या प्रीमियम सेडान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। नई व्यवस्था के अनुसार, 4 मीटर से लंबी और 1200 सीसी से बड़ी पेट्रोल या 1500 सीसी से बड़ी डीजल इंजन वाली गाड़ियां लग्जरी वस्तुओं की श्रेणी में आएंगी, जिन पर 40% GST लगेगा।
SUV, MUV, MPV या XUV जैसी गाड़ियां जिनकी लंबाई 4000 mm से अधिक है और ग्राउंड क्लीयरेंस 170 mm या उससे ऊपर है, उन पर भी यही दर लागू होगी। इसका असर BMW, Mercedes और Audi जैसी लग्जरी कारों के साथ-साथ Toyota Fortuner और Mahindra XUV700 जैसी लोकप्रिय SUV पर भी पड़ेगा।
टैक्स व्यवस्था में बदलाव
पहले, सभी यात्री वाहनों पर 28% GST लगता था, जिसके ऊपर इंजन और बॉडी टाइप के आधार पर 1% से 22% तक सेस लगता था। इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़कर, अन्य सभी गाड़ियों पर यह बोझ था। EV पर केवल 5% GST लगता था। अब, सरकार ने 5% और 18% के दो स्लैब बनाए हैं, साथ ही 40% का स्पेशल स्लैब लग्जरी और सिन गुड्स पर लागू होगा।
EV और लग्जरी मार्केट पर प्रभाव
छोटी और मिड-साइज EV पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन लग्जरी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए यह नकारात्मक होगा। टेस्ला, जो इस साल भारत में केवल 350-500 यूनिट बेचने की योजना बना रही है, की बिक्री पर असर पड़ेगा। BYD जैसी कंपनियों, जिन्होंने 2021 से 10,000 प्रीमियम EV बेचे हैं, को भी इस टैक्स स्ट्रक्चर से नुकसान हो सकता है।
मध्यम वर्ग के लिए राहत
बड़ी कारों पर टैक्स बढ़ने के बावजूद, मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। छोटे वाहनों और टू-व्हीलर्स पर कम टैक्स उन्हें कार या बाइक खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगा। महंगाई और पुरानी गाड़ियों की बढ़ती मांग के बीच, यह फैसला नई गाड़ियों की बिक्री को बढ़ावा दे सकता है।