इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बढ़ती लोकप्रियता के बीच, सरकार द्वारा जीएसटी दरों में बदलाव की योजना से ऑटोमोबाइल कंपनियां चिंतित हैं। मंत्रियों के एक समूह ने सुझाव दिया है कि 20 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली ईवी पर जीएसटी को 5% से बढ़ाकर 18% कर दिया जाए। इस कदम से ईवी की बिक्री में गिरावट आ सकती है, क्योंकि यह ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालेगा। टाटा मोटर्स का कहना है कि कम जीएसटी दरें ईवी को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा का कहना है कि यह पारंपरिक और इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच मूल्य समानता बनाए रखने में मदद करता है। एमजी मोटर इंडिया ने शून्य जीएसटी की वकालत की, जिससे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा मिलेगा। मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने कहा कि लग्जरी ईवी बाजार में प्रवेश स्तर की कारें सबसे अधिक प्रभावित होंगी। जुलाई 2025 में भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 93% की वृद्धि हुई, लेकिन जीएसटी में वृद्धि से यह विकास बाधित हो सकता है।
Trending
- ठेकेदार की मनमानी और विभाग की उदासीनता से ठप हुई मानगो की जलापूर्ति
- कांकेर में 50 नक्सलियों का सरेंडर: 39 हथियार, 32 महिला नक्सली शामिल
- वायु प्रदूषण बढ़ा: दिल्ली में दिवाली से पहले GRAP स्टेज 2 लागू
- ईरान परमाणु फ़ाइल पर UN का चैप्टर क्लोज्ड: पश्चिम को झटका, 2231 प्रस्ताव समाप्त
- परिणीति-राघव बने माता-पिता, बेटे के जन्म पर बधाइयों का तांता
- विश्व कप 2025: इंग्लैंड ने भारत को हराया, भारत का सफर समाप्त
- टाटा नेक्सन का नया अवतार: ADAS और रेड डार्क एडिशन के साथ
- बच्चों की मौत: जर्जर पानी टंकी गिरने से मचा हड़कंप