मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने अपनी 44वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में एक महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिकी दबाव और 50% टैरिफ का डटकर मुकाबला करना चाहिए। उनका कहना था कि देश को इस समय एकजुट होकर सरकार का समर्थन करना चाहिए और किसी भी तरह की धमकियों के आगे झुकना नहीं चाहिए।
अमेरिका के इस फैसले से भारत के निर्यात और कपड़ा, हीरा, जूते, चमड़ा, और ज्वैलरी जैसे श्रम-आधारित उद्योगों पर सीधा असर पड़ेगा, जिससे रोजगार पर भी खतरा मंडरा सकता है। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम सरकार का साथ दें और अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखें, किसी भी दबाव में नहीं झुकना चाहिए।
आर.सी. भार्गव ने जीएसटी सुधारों को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि छोटी कारों पर जीएसटी दर कम करके 18% की जा सकती है, जिससे उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अभी कारों पर 28% जीएसटी लगता है, जो सबसे ज्यादा है, जिससे छोटी कारों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाता है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर केवल 5% जीएसटी लागू है।
अगर सरकार जीएसटी में बदलाव करती है, तो छोटी कार बाजार में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि सरकार कम आय वाले लोगों की जरूरतों को समझ रही है और उन्हें राहत देने पर विचार कर रही है।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन ने करोड़ों भारतीयों की दोपहिया वाहनों पर निर्भरता का उल्लेख करते हुए कहा कि छोटे, सस्ते और सुरक्षित विकल्पों की आवश्यकता है। उन्होंने जापान का उदाहरण दिया, जहां 1950 के दशक में “केई कार” पेश की गई थीं, जो छोटी, कम टैक्स वाली और सरल सुरक्षा नियमों वाली थीं। उन्होंने कहा कि भारत को भी ऐसी कारें लानी चाहिए जो स्कूटर और बाइक चालकों को बेहतर विकल्प दे सकें।
आर.सी. भार्गव ने कहा कि भारत को सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय हाइब्रिड तकनीक पर भी ध्यान देना चाहिए। अमेरिका और यूरोप सहित कई देशों में ईवी और हाइब्रिड दोनों ही साथ-साथ बढ़ रहे हैं।