मारुति सुजुकी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी ई-विटारा का निर्माण किया है, जिसे जल्द ही बाजार में उतारा जाएगा। यह मारुति की पहली पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कार है। न्यूयॉर्क स्थित रिसर्च फर्म, रोडियम ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की इलेक्ट्रिक कार उत्पादन क्षमता 2030 तक 25 लाख यूनिट सालाना तक पहुंच सकती है, जो वर्तमान क्षमता से काफी अधिक है। यदि ऐसा होता है, तो भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ईवी निर्माता बन जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए उत्पादन लागत को कम करना होगा। 2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग 4 लाख से 14 लाख के बीच रहने का अनुमान है, जबकि उत्पादन क्षमता 25 लाख तक पहुंच सकती है। सरकार ‘मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ पहल के तहत ईवी क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है। भारत सरकार ईवी की खरीद पर सब्सिडी दे रही है, घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है और चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार कर रही है। बैटरी निर्माण में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, और 2030 तक 567 गीगावॉट ऑवर (GWh) बैटरी सेल बनाने की क्षमता तक पहुंचने की उम्मीद है। ईवी बिक्री के मामले में भारत अभी पीछे है, लेकिन स्पष्ट और स्थिर नीतियों के माध्यम से इसमें सुधार किया जा सकता है।