अगस्त महीने से देश में एक नई टोल नीति लागू होने वाली है, जिसके अंतर्गत 3 हजार रुपये में एक साल के लिए टोल पास उपलब्ध होगा। इस योजना के दुरूपयोग को रोकने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय प्रयासरत है। यह योजना फिलहाल गैर-वाणिज्यिक वाहनों के लिए शुरू की जा रही है। मंत्रालय इस योजना को वाहन-एमपरिवहन जैसे एप और वाणिज्यिक व गैर-वाणिज्यिक गाड़ियों की पहचान करने वाले अन्य सिस्टम से भी जोड़ेगा, जिससे ट्रक, बस या कोई अन्य वाणिज्यिक वाहन इस पास का गलत इस्तेमाल न कर सके।
यह टोल पास एक साल या 200 टोल नाकों तक ही मान्य होगा। इस वार्षिक पास योजना के तहत, निजी टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का भुगतान मंत्रालय करेगा। इस योजना में एनएचएआई के अंतर्गत आने वाले लगभग 1100 टोल प्लाजा में से करीब 250 निजी टोल प्लाजा ऑपरेटर शामिल हैं। मंत्रालय ने ऑपरेटरों को आश्वस्त किया है कि उन्हें निर्धारित टेंडर के अनुसार टोल मिलेगा। सरकार टोल से गुजरने वाले वाहनों के टोल का भुगतान करेगी।
इस सिस्टम में, टोल नाकों से गुजरने वाले वाहनों के फास्टैग से पैसे नहीं कटेंगे, बल्कि उनके 200 टोल नाकों की सीमा में से टोल नाके कम होते जाएंगे। यदि किसी ने सालाना टोल पास योजना के तहत पांच टोल नाके पार किए हैं, तो उसके सिस्टम में 195 टोल नाकों का बैलेंस शेष रहेगा। उपयोग की दर से टोल नाकों का यह बैलेंस कम होता जाएगा।