अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया है। यह कदम रूस से तेल आयात के कारण उठाया गया है। पहले 30 जुलाई को 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया था, जिसके बाद अब भारत पर अमेरिका का कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। यह नया टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
इस नीति के तहत, टैरिफ को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। इसका सीधा असर भारत के कई उद्योगों पर पड़ेगा, जिनमें ऑटोमोबाइल सेक्टर सबसे प्रमुख है। ट्रंप की इस 50 प्रतिशत टैरिफ नीति से भारत के ऑटो कंपोनेंट्स के निर्यात पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।
इस फैसले से भारत का अमेरिका को होने वाला ऑटो पार्ट्स का निर्यात लगभग आधा होने की आशंका है। वर्तमान में, भारत हर साल लगभग 7 अरब डॉलर (लगभग 61,000 करोड़ रुपये) के ऑटो पार्ट्स अमेरिका को निर्यात करता है। टैरिफ बढ़ने से इस व्यापार में भारी गिरावट आ सकती है।
अमेरिका भारत से सबसे ज्यादा ऑटो पार्ट्स आयात करता है। अमेरिका कुल ऑटो पार्ट्स निर्यात में 32 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। यानी अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ग्राहक है। इसलिए, अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर भारत के निर्यात कारोबार और रोजगार पर पड़ेगा।
भारत अमेरिका से आयातित ऑटो पार्ट्स पर 5 से 15 प्रतिशत तक कस्टम ड्यूटी लगाता है। भारत से अमेरिका को तैयार वाहनों का निर्यात नहीं होता, लेकिन ऑटो पार्ट्स के निर्यात में भारत की अच्छी हिस्सेदारी है। यदि यह टैरिफ लंबे समय तक जारी रहता है, तो भारतीय ऑटो पार्ट्स उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है और कई कंपनियों को अमेरिका से मिलने वाले ऑर्डर से हाथ धोना पड़ सकता है।