वैश्विक ईवी बाजार चीन के रेयर अर्थ निर्यात प्रतिबंधों से जूझ रहा है, लेकिन भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। जनवरी से जुलाई तक, भारत में हर ईवी सेगमेंट में मजबूत बिक्री दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि भले ही चीन ने ईवी निर्माण के लिए आवश्यक रेयर अर्थ पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन इसका भारत के उत्पादन और बिक्री पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। चीन, जो रेयर अर्थ का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है, ने 4 अप्रैल को रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, भारतीय उद्योगों ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए वैकल्पिक उपाय खोज लिए हैं।
इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 1 जनवरी से 31 जुलाई के बीच 14 कंपनियों, जिनमें 7 भारतीय और 7 वैश्विक कंपनियां शामिल हैं, ने कुल 90,639 यूनिट्स बेचीं। यह पिछले वर्ष की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है, क्योंकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 56,814 यूनिट्स बिकी थीं। वर्तमान बिक्री पहले ही 2024 में दर्ज 99,634 यूनिट्स की वार्षिक बिक्री का 91% पार कर चुकी है। अगस्त तक, भारत का इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल उद्योग इस रिकॉर्ड को तोड़ देगा।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर उद्योग में भी जबरदस्त मांग देखी गई है। जनवरी से जुलाई 2025 तक कुल 7,08,905 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो 2024 में बनी रिकॉर्ड बिक्री 1.14 मिलियन यूनिट्स का 62% है। हालांकि, जुलाई 2025 में, लगातार तीन महीनों की वृद्धि के बाद, बिक्री में 4% की गिरावट दर्ज की गई। यह जानकारी 2 अगस्त 2025 को वाहन पोर्टल पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों पर आधारित है।
इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर सेगमेंट में भी पिछले वर्ष की तुलना में सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। जनवरी से जुलाई 2025 के बीच 4,30,845 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो जनवरी-जुलाई 2024 की समान अवधि में हुई 3,77,640 यूनिट्स की तुलना में 14% की वृद्धि है। यह 2024 में हुई रिकॉर्ड बिक्री 6,91,302 यूनिट्स का पहले ही 62% हो चुका है।