Close Menu

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    त्सुयोकुते न्यू सागा: टाइम-ट्रैवल एनीमे की स्ट्रीमिंग जानकारी

    June 20, 2025

    पासपोर्ट सेवा पोर्टल में तकनीकी खराबी: आवेदक परेशान, देरी और रद्दकरण

    June 20, 2025

    ऑस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज टेस्ट सीरीज के लिए टीम का एलान किया, स्मिथ बाहर, लाबुशेन को ड्रॉप किया गया

    June 20, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • त्सुयोकुते न्यू सागा: टाइम-ट्रैवल एनीमे की स्ट्रीमिंग जानकारी
    • पासपोर्ट सेवा पोर्टल में तकनीकी खराबी: आवेदक परेशान, देरी और रद्दकरण
    • ऑस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज टेस्ट सीरीज के लिए टीम का एलान किया, स्मिथ बाहर, लाबुशेन को ड्रॉप किया गया
    • Mercedes-Benz ने S-Class, GLC और EQS को वापस बुलाया, आग लगने का खतरा!
    • छत्तीसगढ़ में मानसून का कहर: भारी बारिश की चेतावनी जारी
    • बेंगलुरु-सूरत एयर इंडिया उड़ान में देरी: डॉक्टर की धमकी के बाद गिरफ्तारी
    • काजल अग्रवाल का 40वां जन्मदिन: समर फैशन इंस्पिरेशन
    • CMF बड्स 2 समीक्षा: प्रभावशाली ANC, लंबी बैटरी लाइफ और बजट-अनुकूल मूल्य
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    Indian Samachar
    • World
    • India
    • Chhattisgarh
    • Madhya Pradesh
    • Sports
    • Technology
    Login
    Indian Samachar
    Home»World»सोनिया गांधी जन्मोत्सव विशेष : भारतीय राजनीति में आकस्मिकता बनी, राजनीतिक सिद्धांतों के बीच नहीं जनमानस में भी बनी अपनी अलग पहचान…
    World

    सोनिया गांधी जन्मोत्सव विशेष : भारतीय राजनीति में आकस्मिकता बनी, राजनीतिक सिद्धांतों के बीच नहीं जनमानस में भी बनी अपनी अलग पहचान…

    Indian SamacharBy Indian SamacharDecember 9, 20233 Mins Read
    Share Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email WhatsApp Copy Link
    Follow Us
    Google News Flipboard Threads
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email Copy Link

    नई दिल्ली सोनिया आज भले ही राजनीति में पहले इतनी सक्रिय नहीं थीं, लेकिन बाद में सत्य पक्ष से लेकर आश्रम के बीच उनकी अपनी एक अलग जगह है। केवल राजनीतिक आश्रमों के बीच ही नहीं बल्कि यह कहा जाता है कि भारतीय जनमानस के बीच उनकी एक अलग पहचान है। 80 के दशक के बाद की भारतीय राजनीति में अपनी अमित छाप छोड़ वाली सोनिया गांधी आज अपना 77वां जन्मदिन मना रही हैं।

    एक समय था जब सोनिया को भारत के बारे में बहुत कुछ भी नहीं पता था। लेकिन शायद सोनिया की किस्मत में हिंदुस्तान की तलाश किसी और मासूमियत से लिखी गई थी। कैंब्रिज के एक ग्रीक रेस्तरां वर्सिटी में दो छात्रों को खाने-पीने की लत थी। यूनिवर्सिटी के मालिक चार्ल्स एंटोनी राजीव गांधी के गहरे दोस्त थे। सोनिया और राजीव की पहली मुलाकात भी इसी रेस्टोरेंट में 1965 में हुई थी।

    इसी रेस्तरां से शुरू हुआ राजीव और सोनिया का रिश्ता एक रिश्ता में बंध गया। हर प्रेम कहानी की तरह राजीव और सोनिया की जिंदगी में भी कई रचनाएँ आईं। दोनों ने जब शादी का फैसला किया तो उनके परिजनों के लिए यह फैसला आसान नहीं था। राजीव जहां भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे थे, तो वहीं सोनिया एक साधारण से परिवार की लड़की थीं।

    सोनिया के पिता को ये रिश्ता बिल्कुल समझ नहीं आया था, अपनी गर्लफ्रेंड सी बेटी को वो एक अलग देश में परेशान नहीं करना चाहते थे. इस बात का डर था कि भारत के लोग सोनिया को कभी स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन सोनिया और राजीव के प्यार के आगे झुकना और राजीव से मुलाकात के बाद फाइनली सोनिया के पिता ने शादी के लिए हामी भर दी।

    शादी से पहले सोनिया को भारत आना था। इंदिरा गांधी के भाषण में प्रधानमंत्री ने कही ये बात, इसलिए बिना शादी के सोनिया को घर में रखना सही नहीं मतलब, तो सोनिया के रहन-सहन का खुलासा अमिताभ के घर करना पड़ा। उस वक्त अमिताभ और राजीव जिगरी दोस्त बने थे। 13 जनवरी 1968 को सोनिया दिल्ली के तट पर और अमिताभ के घर में रहने वाले मालदीव में उन्हें भारतीय रीति-रिवाजों के दर्शन का मौका मिला।

    नेहरू-गांधी परिवार के वंशज राजीव गांधी से 25 फरवरी 1968 को विवाह के बाद जीवन में तेजी से बदलाव का दौर शुरू हुआ। सोनिया और राजीव की जिंदगी के शुरूआती 13 साल में कई प्रेरणाएं-बलात्कारों से गुजरे। पहले विमान दुर्घटना में संजय गांधी की मौत, उसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या और सात साल बाद 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की तेल कंपनी श्रीपेरंबदूर में हुई एक रैली में हुई हत्या के बाद सोनिया गांधी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई।

    हालाँकि, सोनिया गांधी ने दूर से सक्रिय राजनीतिक भागीदारी शुरू की, लेकिन भाग्य ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखी थी। एक समय ऐसा भी आया जब वे देश के प्रधान मंत्री बन सकते थे, लेकिन उन्होंने मनमोहन सिंह को पद दिया। सहयोगी पार्टी के अध्यक्ष कांग्रेस को बनाने-संवारने के साथ सरकार की दिशा को सही दिशा में रखते हुए उन्होंने अदा की भूमिका निभाई।

    सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने स्वास्थ्य संबंधी बातें पिछले कुछ वर्षों में राजनीति से सक्रिय होकर दूरी बना ली हैं। इस समय उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी गांधी पार्टी में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email WhatsApp Copy Link

    Related Posts

    World

    अफगानिस्तान में 4.6 तीव्रता का भूकंप: ताजा जानकारी

    June 20, 2025
    World

    शुभंशु शुक्ला का ISS मिशन फिर टला: नासा ने 22 जून को लॉन्च टाला

    June 20, 2025
    World

    इज़राइल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी भागीदारी पर ट्रम्प का दो हफ़्तों में फ़ैसला

    June 20, 2025
    World

    ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच ‘डूम्सडे प्लेन’: आपको क्या जानने की जरूरत है?

    June 19, 2025
    World

    मेहरंग बलूच मामले में क्वेटा जेल अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप

    June 19, 2025
    World

    ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के नेताओं को युद्ध टालने का श्रेय दिया, ईरान-इज़राइल तनाव पर जताई चिंता

    June 19, 2025
    -Advertisement-
    Advertisement
    Stay In Touch
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms and Conditions
    © 2025 Indian Samachar. All Rights Reserved.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Sign In or Register

    Welcome Back!

    Login to your account below.

    Lost password?