अमेरिका के बाद अब चीन ने भी भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अपनी भूमिका का दावा पेश किया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने यह कहकर हलचल मचा दी है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को शांत करने में चीन ने मध्यस्थता की थी। उन्होंने यह बात बीजिंग में एक कार्यक्रम में कही, जहां वे अंतरराष्ट्रीय मामलों और चीन की विदेश नीति पर बात कर रहे थे। हालांकि, भारत सरकार इस दावे को खारिज कर चुकी है और साफ कर चुकी है कि इस मसले में किसी बाहरी देश का कोई हाथ नहीं था।
वांग यी ने वैश्विक स्तर पर बढ़ती अस्थिरता और संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे अधिक स्थानीय युद्ध और सीमा-पार संघर्ष देखने को मिले हैं। उनका कहना था कि चीन किसी भी अंतरराष्ट्रीय विवाद में निष्पक्ष और संतुलित रवैया अपनाता है और समस्या के मूल कारणों को हल करने का प्रयास करता है। इसी सिद्धांत के तहत, चीन ने भारत-पाकिस्तान के अलावा म्यांमार और ईरान जैसे क्षेत्रों में भी तनाव कम करने की कोशिश की है।
चीनी विदेश मंत्री ने कहा, “हम स्थायी शांति के निर्माण के लिए एक वस्तुनिष्ठ और न्यायपूर्ण रुख अपनाते हैं, और समस्या के लक्षणों और मूल कारणों दोनों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसी चीनी सिद्धांत के अनुसार, हमने उत्तरी म्यांमार, ईरान के परमाणु मुद्दे, पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव, फिलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष, और कंबोडिया-थाईलैंड के बीच हालिया विवादों में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है।”
यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए छोटे लेकिन गंभीर सैन्य टकराव के कई महीनों बाद आया है। वह टकराव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान-समर्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंधूर’ चलाकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद नौ आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया था और सौ से ज़्यादा आतंकवादियों को मार गिराया था।
भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि ऑपरेशन सिंधूर के बाद युद्धविराम पाकिस्तानी सेना के डीजीएमओ द्वारा अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क साधने के बाद ही संभव हुआ था। इसके बाद दोनों देशों ने 10 मई से जमीनी, हवाई और समुद्री हरकतों में पूर्ण विराम लगाने पर सहमति जताई थी। गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने चीन पर भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया था।
