नई दिल्ली – भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में एक ऐतिहासिक यात्रा पर भारतीय नौसेना की स्वदेशी कलवरी-श्रेणी की पनडुब्बी, INS वाग्शीर, का अनुभव किया। कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे पर यह यात्रा तब हुई जब राष्ट्रपति ने पनडुब्बी के साथ पानी के भीतर एक ‘डाइव्ड सॉर्टी’ (डूबी हुई पनडुब्बी में यात्रा) की।
राष्ट्रपति के सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर, राष्ट्रपति मुर्मू, पश्चिमी तट पर इस यात्रा पर थीं और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी उनके साथ थे।
यह भारत के राष्ट्रपति के लिए एक अभूतपूर्व क्षण था, क्योंकि राष्ट्रपति मुर्मू कलवरी-श्रेणी की पनडुब्बी पर सवार होने वाली दूसरी राष्ट्रपति बन गई हैं। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने इससे पहले ऐसी यात्रा की थी, जिससे यह अवसर और भी महत्वपूर्ण हो गया।
INS वाग्शीर में अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति को पनडुब्बी के महत्व, भारतीय समुद्री सुरक्षा में उसकी भूमिका और राष्ट्रीय हितों की रक्षा में उसके योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने चालक दल के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और देश सेवा की भावना की प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने INS वाग्शीर को भारतीय नौसेना की क्षमता और राष्ट्र के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
राष्ट्रपति मुर्मू का यह कारनामा वायु सेना में उनकी पिछली यात्राओं के बाद आया है। इसी साल अक्टूबर में, उन्होंने अंबाला में राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। 2023 में, उन्होंने सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में भी उड़ान भरी थी, जिससे वह भारतीय वायु सेना के दो प्रमुख लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली पहली राष्ट्रपति बन गईं।
अंबाला एयर फ़ोर्स स्टेशन, जहाँ से राफेल को पहली बार फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन से प्राप्त किया गया था, इस ऐतिहासिक उड़ान का गवाह बना। राष्ट्रपति ने राफेल में लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी, जो लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
इस उड़ान का नेतृत्व 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर, ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने किया। उड़ान लगभग 15,000 फीट की ऊँचाई पर 700 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भरी गई थी।
राष्ट्रपति ने आगंतुक पुस्तिका में अपने अनुभव को “अविस्मरणीय” बताया और राफेल में अपनी पहली उड़ान के लिए भारतीय वायु सेना और अंबाला स्टेशन की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस उड़ान ने उनमें राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की भावना को और मजबूत किया है।
