दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। 28 दिसंबर की सुबह राष्ट्रीय राजधानी की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई, जहां समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 391 दर्ज किया गया। इस AQI को ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब माना जाता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
पूरे शहर में घना स्मॉग छाया हुआ है, जिसने सुबह की दृश्यता को बुरी तरह प्रभावित किया। अक्षरधाम जैसे इलाकों में AQI 445 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ प्रदूषण का सूचक है। इंडिया गेट क्षेत्र में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही रही, जहां AQI 378 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। प्रदूषण के हॉटस्पॉट आनंद विहार में भी AQI 445 तक पहुंच गया, जो गंभीर चिंता का विषय है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के कई प्रमुख हिस्सों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। आनंद विहार, ITO, वज़ीरपुर, रोहिणी और पटपड़गंज जैसे इलाकों में AQI क्रमशः 445, 403, 433, 424 और 424 दर्ज किया गया। यह दर्शाता है कि पूरे शहर की हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है।
CPCB की गाइडलाइंस के अनुसार, 301-400 के बीच का AQI ‘बहुत खराब’ और 400 से ऊपर का AQI ‘गंभीर’ माना जाता है। 27 दिसंबर को भी शहर की हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जो सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के गहराते संकट को दिखाता है।
मौसम का मिजाज भी प्रदूषण को बढ़ा रहा है। दिल्ली में सुबह का तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। IMD ने 28 दिसंबर की सुबह घने कोहरे की भविष्यवाणी की थी, और दिन का तापमान लगभग 22 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान था, जबकि रात का तापमान 7 डिग्री तक गिर सकता था। 29 से 31 दिसंबर तक मध्यम कोहरे का अनुमान है।
IMD ने रविवार सुबह के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए घने कोहरे और शीतलहर की चेतावनी दी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि कम हवा की गति और कोहरे के कारण प्रदूषित कण हवा में ही जमा हो जाते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। स्काईमेट के विशेषज्ञ महेश पालवत के अनुसार, हवा की गति बहुत धीमी थी, जो प्रदूषकों को फैलने से रोक रही थी। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण यह स्थिति 1 जनवरी तक बने रहने की संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के शहरों में भी हालात चिंताजनक हैं। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में AQI 394 और वसुंधरा में 429 दर्ज किया गया। नोएडा के सेक्टर 125 और सेक्टर 1 में AQI क्रमशः 414 और 443 था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। गुरुग्राम के सेक्टर 51 में AQI 355 और विकास सदन में 304 रहा।
CPCB के समीर ऐप के डेटा से पता चलता है कि दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से 20 पर AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में था। इनमें आनंद विहार (445), चांदनी चौक (415), जहांगीरपुरी (430), शाहाबाद (443), और वज़ीरपुर (443) जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। कुछ स्थानों पर AQI ‘बहुत खराब’ रहा, जबकि NSIT द्वारका में यह ‘खराब’ (214) श्रेणी में था।
एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली (AQEWS) के अनुसार, आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही बने रहने की उम्मीद है। अगले 3 दिनों तक ‘बहुत खराब’ स्थिति रहने की संभावना है, और इसके बाद भी अगले छह दिनों तक इसमें कोई खास सुधार की उम्मीद नहीं है।
हालांकि, वायु गुणवत्ता खराब होने के बावजूद, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कोई नए प्रतिबंध लागू नहीं किए गए हैं। GRAP के स्टेज चार के प्रतिबंधों को पिछले हफ्ते हटा दिया गया था, जबकि स्टेज एक से तीन अभी भी प्रभावी हैं।
धीमी हवाओं और कोहरे के लगातार बने रहने के पूर्वानुमान को देखते हुए, दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को आने वाले दिनों में भी जहरीली हवा से राहत मिलने की उम्मीद कम है।
