मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट जीतकर 15 वर्षों का सूखा खत्म कर दिया है। यह जीत न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि टीम के जुझारूपन का भी प्रमाण है। जीत के बाद कप्तान बेन स्टोक्स ने अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त किया और बताया कि अंतिम क्षणों में 10 रन कितने मुश्किल लग रहे थे।
स्टोक्स ने कहा, “यह एक अविश्वसनीय अहसास है। सच कहूं तो, जब मैं आउट हुआ, तो वो 10 रन पहाड़ जैसे लग रहे थे। मेरा मन कर रहा था कि मैं ड्रेसिंग रूम में बैठकर टीवी पर देरी से मैच न देखूं। यह जीत बहुत मायने रखती है, खासकर तब जब मैंने पहले के दौरों पर टीम को हारते देखा है। इतने सालों बाद जीतना वाकई खास है।”
मैच के अंतिम पलों में पूरी इंग्लैंड टीम का ड्रेसिंग रूम से बाहर आकर एक-दूसरे को बधाई देना, सालों से दबी हुई खुशी का इजहार था। स्टोक्स ने इस पल को याद करते हुए कहा, “जब सभी खिलाड़ी बाहर आए और हमने एक-दूसरे को गले लगाया, तो हमने महसूस किया कि हमने आखिरकार यह कर दिखाया। यह एक सुखद अहसास है।”
**आक्रामक रणनीति का महत्व**
ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर खेलने के लिए एक विशेष मानसिकता की आवश्यकता होती है, और इंग्लैंड ने चौथे दिन के चुनौतीपूर्ण विकेट पर एक आक्रामक खेल रणनीति अपनाई। स्टोक्स का मानना था कि ऑस्ट्रेलिया के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ यही एकमात्र तरीका था। उन्होंने कहा, “हमारे सामने सिर्फ एक ही रास्ता था – आक्रामक होकर खेलना और पहली गेंद से ही दबाव बनाना।”
कप्तान स्टोक्स ने सलामी बल्लेबाजों जॉक क्रॉली और बेन डकेट की 51 रनों की साझेदारी की भी खूब तारीफ की। उनके अनुसार, इस साझेदारी ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबाव कम किया और बाकी बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान बनाया। उन्होंने बताया, “यह सिर्फ चौके-छक्के नहीं थे, बल्कि विकेटों के बीच दौड़कर लिए गए रन थे जिन्होंने हमें लक्ष्य के करीब पहुंचाया।”
**ब्रायडन कार्स का प्रयोग और बेटेल का कमाल**
टीम की जीत में रणनीतिक बदलावों का भी अहम योगदान रहा। ब्रायडन कार्स को नंबर 3 पर भेजना एक सोची-समझी चाल थी, जिसका उद्देश्य नई गेंद के शुरुआती मुश्किल ओवरों से निपटना था। स्टोक्स ने समझाया, “उस विकेट पर नई गेंद काफी खतरनाक थी। हमने सोचा कि क्यों न किसी ऐसे खिलाड़ी को भेजा जाए जो जल्दी कुछ रन बना सके। भले ही वह 20-30 रन ही बनाता, वह भी हमारे लिए बड़ी मदद होती।”
हालांकि कार्स ज्यादा रन नहीं बना सके, लेकिन उनके खेलने के अंदाज ने युवा जैकब बेटेल के लिए मंच तैयार किया। बेटेल ने 26 गेंदों में 40 रन की तूफानी पारी खेलकर मैच का रुख पलट दिया। स्टोक्स ने उनकी इस पारी की काफी प्रशंसा की।
**बेटेल के साहसिक खेल की स्टोक्स ने की सराहना**
स्टोक्स ने विशेष रूप से जैकब बेटेल के निडर खेल की सराहना की, खासकर टी ब्रेक के बाद स्कॉट बोलैंड की गेंद पर कवर के ऊपर से लगाया गया छक्का। स्टोक्स ने जोर देकर कहा, “ऐसी मुश्किल पिचों पर आपको हिम्मत और साहस से खेलना पड़ता है। एक साहसिक शॉट गेंदबाज के आत्मविश्वास को तोड़ सकता है, और इसका प्रभाव बहुत बड़ा होता है।”
यह जीत इंग्लैंड की युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रण वाली टीम के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला पल है। जो रूट जैसे अनुभवी खिलाड़ी से लेकर जोश टंग और जैकब बेटेल जैसे युवा खिलाड़ियों तक, सभी ने इस ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। स्टोक्स ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया में जीतना एक शानदार अहसास है, और यह बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच जीतना हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। हम इस जीत से बहुत खुश हैं।”
