नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) ने आठ महीनों की अवधि में उपभोक्ताओं के लिए 45 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वापस कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 25 अप्रैल से 26 दिसंबर 2025 के बीच, इस हेल्पलाइन ने 67,265 उपभोक्ताओं की शिकायतों का सफल समाधान किया, जिनमें मुख्यतः रिफंड के मामले शामिल थे। यह उपलब्धि 31 विविध क्षेत्रों को कवर करती है और इसने नागरिकों को कानूनी झंझटों से बचाते हुए उनके पैसे वापस दिलाए हैं।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत, यह हेल्पलाइन उपभोक्ताओं और व्यवसायों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों के त्वरित और लागत-प्रभावी समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरी है। शिकायतों के प्रारंभिक समाधान से उपभोक्ता आयोगों पर दबाव कम करने में भी मदद मिली है।
आंकड़ों के अनुसार, ई-कॉमर्स क्षेत्र में सबसे अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। इस क्षेत्र से संबंधित 39,965 शिकायतों पर कार्रवाई हुई, जिससे उपभोक्ताओं को 32 करोड़ रुपये का रिफंड प्राप्त हुआ। इसके बाद, यात्रा और पर्यटन उद्योग ने 4,050 शिकायतों के साथ 3.5 करोड़ रुपये की वापसी में योगदान दिया।
अन्य प्रमुख क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में रिफंड दर्ज किए गए। एजेंसी सेवाओं के तहत 1.34 करोड़ रुपये, और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए 1.17 करोड़ रुपये वापस किए गए। एयरलाइंस कंपनियों ने भी हेल्पलाइन की मध्यस्थता से 95 लाख रुपये का रिफंड जारी किया। गौर करने वाली बात यह है कि इन शीर्ष पांच क्षेत्रों ने कुल रिफंड राशि का 85% से अधिक हिस्सा बनाया। सरकार ने लगभग 1,000 से अधिक भागीदार कंपनियों के नेटवर्क को इस सफलता का एक प्रमुख कारण बताया है, जिसने शिकायतों के प्रभावी समाधान में मदद की।
मंत्रालय ने कुछ ऐसे वास्तविक जीवन के उदाहरणों को भी उजागर किया है, जो हेल्पलाइन की प्रभावशीलता को दर्शाते हैं। बेंगलुरु के एक निवासी को इंटरनेट सेवा न मिलने पर भी रिफंड नहीं मिल रहा था। हेल्पलाइन के दखल के बाद, कंपनी ने तुरंत पैसे लौटा दिए। उपभोक्ता ने इस अनुभव को ‘उत्कृष्ट’ बताया, क्योंकि इसके बिना धनवापसी संभव नहीं थी।
चेन्नई के एक यात्री ने फ्लाइट टिकट रद्द किया था, लेकिन उसे रिफंड नहीं मिला। NCH ने तेजी से कार्रवाई कर समस्या का समाधान किया। यात्री ने ‘शीघ्र कार्रवाई’ के लिए हेल्पलाइन की सराहना की।
जोधपुर के एक उपभोक्ता को ऑनलाइन खरीदे गए टूटे हुए फर्नीचर के मामले में भी रिफंड मिला। कंपनी द्वारा बार-बार पिकअप रद्द करने और मदद से इनकार करने के बाद, हेल्पलाइन के हस्तक्षेप से उपभोक्ता को पूरी राशि वापस मिल गई। उसने ‘ठगे गए उपभोक्ताओं की मदद’ के लिए आभार व्यक्त किया।
ये मामले साबित करते हैं कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के लिए एक जीवन रेखा है। यह 17 भाषाओं में सेवा प्रदान करती है। उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1915 पर कॉल करके, आधिकारिक वेबसाइट, व्हाट्सएप, एसएमएस, एन सी एच ऐप या उमंग ऐप के माध्यम से आसानी से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
सरकार ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने और समय पर रिफंड सुनिश्चित करने के लिए उपभोक्ता हेल्पलाइन का भरपूर उपयोग करें, ताकि उपभोक्ता संरक्षण प्रणाली को और मजबूत बनाया जा सके।
