श्रीलंका के खिलाफ जारी टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में वैष्णवी शर्मा का चयन उनके शानदार घरेलू प्रदर्शन का परिणाम है। यह खुलासा मुख्य कोच अमोल मजूमदार ने किया, जिन्होंने चयन समिति के इस फैसले की सराहना की। वैष्णवी ने अपने टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत दमदार की है। श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 में उन्होंने 2 रन देकर 2 विकेट चटकाए, जबकि पहले टी20 में उन्होंने कसी हुई गेंदबाजी करते हुए 4 ओवरों में मात्र 16 रन ही दिए थे।
मजूमदार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “मुझे लगता है कि उन्होंने हमारे निर्देशों का बखूबी पालन किया। यह बहुत बड़ी बात है कि वह अंडर-19 स्तर से सीधे टीम में आई हैं। अंडर-19 विश्व कप में उनका प्रदर्शन और उसके बाद घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन, इन दोनों को मिलाकर चयनकर्ताओं ने उन्हें यह मौका दिया है। मैं चयनकर्ताओं के इस फैसले को सलाम करता हूं।”
यह वही वैष्णवी शर्मा हैं जिन्होंने हाल ही में अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। वह 17 विकेटों के साथ टूर्नामेंट की सबसे सफल गेंदबाज रहीं। घरेलू क्रिकेट में भी उनका जलवा कायम है। सीनियर महिला टी20 ट्रॉफी में उन्होंने 21 विकेट लिए और सीनियर महिला इंटर-ज़ोनल टी20 में 5 मैचों में 12 विकेट लेकर सबसे आगे रहीं। खास बात यह है कि महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2026 की नीलामी में उन्हें किसी फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा था, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
कोच मजूमदार ने वैष्णवी के खेल की तारीफ करते हुए कहा, “पिछले दो मैचों में उन्होंने जो खेल दिखाया है, वह बहुत ही उम्मीद जगाने वाला है। उनकी गेंदबाजी पर नियंत्रण के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता भी काबिले तारीफ है। वह मैदान पर बेहद शांत रहती हैं। वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं।”
2026 में इंग्लैंड में आयोजित होने वाले टी20 विश्व कप को देखते हुए, कोच मजूमदार ने कहा कि टीम प्रबंधन एक मजबूत और स्थिर प्लेइंग इलेवन तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसी टीम तैयार करना है जो लंबे समय तक साथ खेल सके। वनडे विश्व कप के समय भी हमने यही कोशिश की थी। टी20 विश्व कप करीब है, और हम इस प्रारूप में अपनी तैयारियों को लेकर गंभीर हैं। हमें किन सुधारों की आवश्यकता है और हम टीम को कैसे आगे बढ़ाना चाहते हैं, इन सब पर काम चल रहा है। हम प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि विश्व कप से पहले हमारी टीम पूरी तरह से तैयार हो।”
टीम की फील्डिंग में कुछ कमियां नजर आई हैं, लेकिन मजूमदार का कहना है कि वे खेल के सभी विभागों में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम लगातार बल्लेबाजी, गेंदबाजी, फील्डिंग और फिटनेस – इन चारों पहलुओं पर सुधार की बात करते हैं। हम किसी एक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, बल्कि समग्र रूप से टीम को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखते हैं। हम एक ऐसी टीम बनना चाहते हैं जो लगातार आगे बढ़ती रहे। इसके लिए हमारी लंबी और छोटी दोनों तरह की बैठकें होती हैं, और हम हर दिन कुछ नया सीखने और बेहतर करने की कोशिश करते हैं।”
वनडे विश्व कप जीतने के बाद भारतीय टीम की खिलाड़ियों के चेहरों पर एक नई चमक देखी जा सकती है। मजूमदार ने बताया, “पिछले कुछ हफ्तों में खिलाड़ियों के खेल में कोई खास बदलाव नहीं आया है, लेकिन हां, वे मैदान पर ज्यादा खुश और ऊर्जावान दिखते हैं। यह एक सकारात्मक बदलाव है। वनडे विश्व कप की जीत का श्रेय उन्हें हमेशा मिलेगा, और वे इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं। पहले दो मैच शानदार रहे। श्रीलंका एक मजबूत टीम है और उनके पास अच्छे खिलाड़ी हैं। हम किसी भी प्रतिद्वंद्वी को हल्के में नहीं लेते और सभी का सम्मान करते हैं।”
