हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें चीन की भारत के प्रति कूटनीतिक चाल का खुलासा हुआ है। विशेष रूप से, जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम होता दिख रहा है, तब बीजिंग कथित तौर पर इस शांति का उपयोग अपने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने और भारत-अमेरिका की बढ़ती साझेदारी को नियंत्रित करने के लिए कर रहा है।
‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इन्वॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना 2025’ नामक यह रिपोर्ट पेंटागन की वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा है, जिसे हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस को पेश किया गया था।
इस रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 में भारत और चीन ने LAC के संवेदनशील इलाकों से सैनिकों को हटाने पर आपसी सहमति जताई थी। यह निर्णय दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों, नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग, के ब्रिक्स बैठक के इतर हुई मुलाक़ात से कुछ दिन पहले ही आया था।
इस महत्वपूर्ण मुलाकात के बाद, दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय संपर्क फिर से शुरू हो गए। रिपोर्ट इंगित करती है कि इन वार्ताओं का मुख्य एजेंडा सीमा प्रबंधन और भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करना रहा।
इसके अतिरिक्त, दोनों पक्षों ने सीधी हवाई सेवाओं की पुनः शुरुआत, वीज़ा नियमों को सरल बनाने और दोनों देशों के शैक्षणिक व पत्रकारिता जगत के बीच आदान-प्रदान को बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की।
शांत सीमा का फायदा उठाना चाहता है चीन: पेंटागन की रिपोर्ट का विश्लेषण है कि ‘चीन का उद्देश्य LAC पर कम हुए तनाव का फायदा उठाकर भारत के साथ अपने संबंधों को सामान्य बनाना है। साथ ही, यह भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती घनिष्ठता को बाधित करने का भी प्रयास कर सकता है।’
हालांकि, रिपोर्ट इस बात पर भी ज़ोर देती है कि नई दिल्ली चीन के इरादों के प्रति सचेत है। यह भी स्वीकार किया गया है कि दोनों देशों के बीच गहरे बैठे अविश्वास और अनसुलझे मुद्दे उनके संबंधों के विकास को सीमित करते रहेंगे।
पिछले कुछ महीनों में, भारत और चीन ने रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। पिछले साल अक्टूबर से इसमें और तेजी आई है। जुलाई में, भारत ने चीनी नागरिकों के लिए पर्यटन वीज़ा फिर से शुरू कर दिए थे। हाल ही में, लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली, सीधी हवाई सेवाओं का पुनः आरंभ, राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का उत्सव और वीज़ा प्रक्रियाओं को आसान बनाना शामिल हैं।
अक्टूबर में दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें बहाल हुईं। अगस्त में, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, साझा चुनौतियों का सामना करने और सीमा विवाद के दीर्घकालिक समाधान की दिशा में काम करने पर सहमति जताई थी।
2049 तक की चीन की व्यापक रणनीति: रिपोर्ट चीन की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं पर भी प्रकाश डालती है, जिसका लक्ष्य 2049 तक ‘चीनी राष्ट्र का महान कायाकल्प’ प्राप्त करना है। इस विज़न के तहत, चीन अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने और एक ऐसी ‘विश्वस्तरीय’ सेना विकसित करने का इच्छुक है जो युद्ध लड़ने व जीतने में सक्षम हो, साथ ही देश की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा भी कर सके।
पेंटागन के अनुसार, चीन तीन ‘मुख्य हितों’ को अपनी रणनीति के आधार स्तंभ मानता है: चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का शासन बनाए रखना, आर्थिक विकास को निरंतरता देना, और संप्रभुता व क्षेत्रीय दावों की रक्षा व विस्तार करना।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बीजिंग ने ताइवान, दक्षिण चीन सागर, सेनकाकू द्वीप समूह और भारत के अरुणाचल प्रदेश से जुड़े क्षेत्रीय दावों को इन मुख्य हितों में शामिल किया है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर अमेरिका का नज़रिया: रिपोर्ट इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका के हितों को महत्वपूर्ण लेकिन व्यावहारिक बताती है। यह स्पष्ट करती है कि अमेरिका का उद्देश्य चीन को रोकना, उस पर हावी होना या उसे अपमानित करना नहीं है। बल्कि, वाशिंगटन चाहता है कि क्षेत्र में कोई भी एक देश अमेरिका या उसके सहयोगियों पर बल प्रयोग न कर सके।
पेंटागन जोर देता है कि इंडो-पैसिफिक में उसकी प्राथमिकता सैन्य शक्ति के माध्यम से निवारण है, न कि संघर्ष। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका आक्रामकता को रोकने के लिए पर्याप्त सैन्य क्षमता बनाए रखेगा, जिससे शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा मिले।
इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चीन के साथ स्थिर शांति, निष्पक्ष व्यापार और सम्मानजनक संबंध स्थापित करना चाहते हैं। रक्षा विभाग इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सैन्य शक्ति का उपयोग करेगा। पेंटागन के अनुसार, यह दृष्टिकोण इंडो-पैसिफिक में शक्ति संतुलन बनाए रखने, व्यापार को खुला और निष्पक्ष रखने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सभी देशों के हितों का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है।
