तुलसी पूजन भारतीय सभ्यता का एक अमूल्य हिस्सा है, जो धार्मिकता के साथ-साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति सम्मान को भी दर्शाता है। डॉ. सुमन कुमार ने इस बात पर जोर दिया है कि तुलसी की पूजा हमारे सांस्कृतिक ताने-बाने में गहराई से बुनी हुई है।
यह पवित्र पौधा न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र है, बल्कि इसके असाधारण औषधीय गुणों के कारण इसे आयुर्वेद में भी विशेष स्थान प्राप्त है। तुलसी के पौधे को घर में रखना और उसकी प्रतिदिन पूजा करना एक आम भारतीय परंपरा है। कार्तिक मास के दौरान तुलसी विवाह का आयोजन विशेष उत्साह के साथ किया जाता है, जो भारतीय संस्कृति की विविधता और परंपराओं को दर्शाता है।
तुलसी पूजन हमें प्रकृति के करीब लाता है और इसके संरक्षण के महत्व को सिखाता है। यह एक ऐसा अनुष्ठान है जो मानसिक शांति प्रदान करता है और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। इस प्रकार, तुलसी पूजन हमारी सांस्कृतिक पहचान और स्वास्थ्य दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
