उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अवैध घुसपैठियों के खिलाफ अपनी सरकार की कठोर कार्रवाई का संकेत दिया है। ‘ऑपरेशन टॉर्च’ के तहत, राज्य भर में बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों को आगाह किया है कि वे घुसपैठियों के पक्ष में खड़े न हों, क्योंकि ऐसी दोहरी नीति देश बर्दाश्त नहीं करेगा।
हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “जब गाजा में कुछ होता है तो ये लोग कैंडल जलाते हैं, पर बांग्लादेश में हिंदू बेटियों के साथ जो हो रहा है, उस पर इनकी जुबान बंद हो जाती है।” मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत की जनता अब ऐसी तुष्टिकरण की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी, जहां अपने नागरिकों के बजाय बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जाती है।
‘ऑपरेशन टॉर्च’ एक व्यापक अभियान है, जिसमें पुलिस और प्रशासन संदिग्ध अवैध प्रवासियों के आवासों पर जाकर उनके दस्तावेजों की जांच कर रहा है। यह विशेष रूप से लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और गाजियाबाद जैसे बड़े शहरों में केंद्रित है, जहां अवैध प्रवासियों की संख्या अधिक होने की आशंका है। वाराणसी में अब तक 500 से ज्यादा लोगों की पहचान की जा चुकी है, जबकि लखनऊ और कानपुर की झुग्गियों में भी तलाशी अभियान जारी है। यह चिंता का विषय है कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर हमारे संसाधनों पर बोझ बन रहे हैं। योगी सरकार का यह कदम अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक साहसिक और आवश्यक कार्रवाई है, जो भविष्य में देश की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करेगा।
