जिले के उरवां में जिला जनसंपर्क कार्यालय ने आज एक विशेष परिचर्चा सत्र का आयोजन किया, जिसका मुख्य विषय ‘भ्रामक सूचनाओं के इस दौर में प्रेस की विश्वसनीयता कैसे बचाई जाए’ था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उपायुक्त ऋतुराज ने कहा कि गलत और भ्रामक खबरें समाज और राष्ट्र के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकती हैं। उन्होंने विशेष रूप से सोशल मीडिया पर आधारित रिपोर्टिंग के खतरों को रेखांकित किया, जो अक्सर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
उपायुक्त ने पत्रकारों को सलाह दी कि वे किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पहले, बिना दबाव के, धैर्य और संयम के साथ उसके तथ्यों की सत्यता की पूरी तरह जांच करें। इससे गलतियों की गुंजाइश न के बराबर रह जाएगी। उन्होंने कोडरमा के पत्रकारों के काम की प्रशंसा की, जो सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ अच्छी पत्रकारिता का भी निर्वहन कर रहे हैं।
रांची से आए अनुभवी पत्रकार शशि सिंह और जेब अख्तर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारों का एक महत्वपूर्ण सैद्धांतिक और राष्ट्रीय दायित्व होता है, जिसका पालन अत्यंत आवश्यक है। आज के समय में, जब पाठक मीडिया पर बहुत अधिक निर्भर हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि मीडिया अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए समय-समय पर आत्म-समीक्षा करे। उन्होंने इस प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की कि आजकल कई पत्रकार सोशल मीडिया को ही मुख्य आधार बना रहे हैं, जबकि सोशल मीडिया अक्सर गलत सूचनाओं का गढ़ होता है, जो पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है।
दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम में रांची से पधारे वरिष्ठ पत्रकार शशि सिंह, जेब अख्तर, कोडरमा जिला अध्यक्ष कुमार रमेशम और कई अन्य स्थानीय पत्रकारों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार ने सभी का धन्यवाद किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन मनोज कुमार सिन्हा ने कुशलतापूर्वक किया। इस अवसर पर जिला खेल पदाधिकारी तुषार राय, वरिष्ठ पत्रकार कुमार रमेशम, संजीव समीर, ओम प्रकाश, संतोष कुमार, अनिल सिंह, नितिन मिश्रा, सुनील यादव, सुधीर पांडेय, प्रेम भारती, एडीपीआरओ अविनाश कुमार सहित कई अन्य पत्रकार भी उपस्थित रहे।
