दिल्ली मेट्रो के विस्तार की योजना को पंख लग गए हैं! केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहुप्रतीक्षित दिल्ली मेट्रो फेज 5A परियोजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत ₹12,015 करोड़ की लागत से 16 किलोमीटर लंबा नया मेट्रो लाइन बिछाया जाएगा। इस विस्तार से राष्ट्रीय राजधानी में 13 नए मेट्रो स्टेशन जुड़ेंगे, जिससे दिल्ली मेट्रो का कुल नेटवर्क 400 किलोमीटर की दूरी पार कर जाएगा।
**परिवहन और कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव**
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 5A के तहत 16 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन का निर्माण होगा, जिसमें 13 स्टेशन शामिल होंगे। इस परियोजना पर 12,015 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस विस्तार से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लोगों की आवाजाही आसान होगी और ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी।
**तीन नए कॉरिडोर से बढ़ेगी रफ्तार**
यह 16 किलोमीटर का नया नेटवर्क तीन महत्वपूर्ण गलियारों में विभाजित होगा:
1. **रामकृष्ण आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी):** यह कॉरिडोर सेंट्रल दिल्ली को पश्चिमी और उत्तरी दिल्ली से बेहतर ढंग से जोड़ेगा। वर्तमान में पुनर्विकास के अधीन सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को सीधे मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
2. **एरोसिटी से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा टर्मिनल 1 (2.263 किमी):** यह छोटा लेकिन महत्वपूर्ण खंड होगा। यह एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार है और दक्षिणी दिल्ली के महत्वपूर्ण हिस्सों, जैसे साकेत, छतरपुर और तुगलकाबाद को सीधे हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 से जोड़ेगा।
3. **तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी):** यह खंड भी कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।
इन नए खंडों पर कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 10 भूमिगत और 3 एलिवेटेड होंगे।
**जानें नए स्टेशनों के नाम**
* **आरके आश्रम मार्ग-इंद्रप्रस्थ सेक्शन:** आरके आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, केंद्रीय सचिवालय, कर्तव्य पथ, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल-हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, इंद्रप्रस्थ।
* **तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज सेक्शन:** सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर, कालिंदी कुंज।
* **एरोसिटी-टी1 एयरपोर्ट सेक्शन:** एरोसिटी स्टेशन को टर्मिनल 1 से जोड़ा जाएगा।
**तीन साल में पूरा होगा निर्माण**
मंत्री ने बताया कि इस विस्तार परियोजना को पूरा करने के लिए तीन साल की समय-सीमा निर्धारित की गई है। निर्माण कार्य अधिकतर भूमिगत होगा, जिसके लिए टनल बोरिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो सकेगा।
दिल्ली मेट्रो वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क संचालित करता है। फेज-IV पर भी काम चल रहा है, जिससे नेटवर्क और मजबूत होगा। इस विस्तार से न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी।
