नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक कार्य विभाग के एक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है। यह निलंबन एक परीक्षा प्रश्न को लेकर प्राप्त शिकायतों के बाद किया गया है, जिसमें “भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार” का उल्लेख था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
यह प्रश्न हाल ही में ‘भारत में सामाजिक समस्याएं’ विषय पर आयोजित प्रथम-सेमेस्टर की परीक्षा का हिस्सा था। यह परीक्षा बी.ए. (ऑनर्स) सामाजिक कार्य पाठ्यक्रम के छात्रों के लिए आयोजित की गई थी। प्रश्न में छात्रों से “उपयुक्त उदाहरणों के साथ, भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा” करने के लिए कहा गया था।
विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शाहारे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस संबंध में, विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी, सैमा सईद ने बताया कि प्रश्न पत्र तैयार करने में प्रोफेसर की ओर से लापरवाही देखी गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
23 दिसंबर को जारी किए गए निलंबन आदेश में कहा गया है कि कुलपति ने विश्वविद्यालय क़ानून 37(1) के तहत प्रोफेसर शाहारे को जांच पूरी होने तक निलंबित किया है। आदेश में यह भी बताया गया है कि नियमानुसार इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज की जाएगी। निलंबन के दौरान, प्रोफेसर शाहारे दिल्ली में ही रहेंगे और किसी भी यात्रा के लिए उन्हें उच्चाधिकारियों से अनुमति लेनी होगी।
हालांकि विश्वविद्यालय ने कहा है कि उसे प्रश्न पत्र के बारे में कई शिकायतें मिली हैं, लेकिन उसने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्रश्न पर क्या विशेष आपत्तियां उठाई गई थीं। गठित की गई जांच समिति सभी पहलुओं की पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट जल्द ही सौंपेगी।
