बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों की सरगर्मी के बीच देश में गहरा राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है। हाल की घटनाओं, विशेष रूप से हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या और इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने देश की अंतरिम सरकार की स्थिति को हिला दिया है।
दीपू चंद्र दास, एक साधारण गारमेंट फैक्ट्री कर्मचारी, पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाकर भीड़ ने 18 दिसंबर को मीरपुर में बेरहमी से पीटा, जिससे उनकी मौत हो गई। इस घटना ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। भारत में भी इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए। कोलकाता में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश उच्चायोग के सामने अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई। नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, क्योंकि विश्व हिंदू परिषद ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया था।
हाल की घटनाओं के चलते, बांग्लादेश ने दिल्ली और सिलीगुड़ी में अपनी वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग ने एक आधिकारिक सूचना के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि सभी कांसुलर और वीजा सेवाएं फिलहाल निलंबित हैं। वहीं, चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग में सुरक्षा घटना के बाद भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (IVAC) ने भी रविवार से सभी वीजा संचालन रोक दिए हैं। बांग्लादेश सरकार ने भारत में अपने राजनयिक मिशनों पर हुए हमलों पर कड़ा ऐतराज जताया है और नई दिल्ली व सिलीगुड़ी की घटनाओं के विरोध में भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया है।
राजनीतिक रूप से, इंकलाब मंच, जिसने जुलाई के विद्रोह के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, ने अपने संयोजक शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मामले में त्वरित न्याय की मांग की है। यदि सरकार न्याय देने में विफल रहती है, तो संगठन ने देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। शरीफ उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका में गोली मार दी गई थी और 18 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें आगामी राष्ट्रीय चुनावों में ढाका-8 सीट से एक संभावित उम्मीदवार के रूप में भी देखा जा रहा था। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार, प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने 20 दिसंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की थी। कानून सलाहकार आसिफ नज़रल ने आश्वासन दिया है कि हादी के हत्या मामले की सुनवाई त्वरित गति से की जाएगी।
प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने 12 फरवरी 2026 को होने वाले राष्ट्रीय चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सरकार की पूर्ण तैयारियों की पुष्टि की है। उन्होंने अमेरिका के विशेष दूत के साथ बातचीत में कहा कि देश अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्सुक है।
