बांग्लादेश की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मुखर आलोचक और “जुलाई विद्रोह” के प्रमुख नेता, शेरिफ उस्मान हादी, सिंगापुर में इलाज के दौरान चल बसे। हादी को कुछ दिन पहले ढाका में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
गोलीबारी की यह घटना ढाका के पल्टन इलाके में तब हुई जब हादी एक बैटरी चालित रिक्शा में सफर कर रहे थे। हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और फिर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। उन्हें तत्काल ढाका मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, परंतु उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सिंगापुर के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने हादी के निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। हादी, जो ‘इंकलाब मंच’ से जुड़े थे और ढाका-8 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे, हाल के राजनीतिक आंदोलनों में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनकर उभरे थे।
उनकी मौत की खबर फैलते ही बांग्लादेश के कई शहरों में हिंसा भड़क उठी। यह घटना देश में संसदीय चुनावों की घोषणा के ठीक बाद हुई है, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गरमा गया है। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे “भयावह” तथा “अस्वीकार्य” बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव संबंधी किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्य सलाहकार यूनुस ने शेरिफ उस्मान हादी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और देश के लिए इसे “बड़ी क्षति” बताया। उन्होंने शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया, जिसके तहत राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। यूनुस ने सिंगापुर सरकार को हादी के इलाज में मदद करने के लिए धन्यवाद भी दिया।
हादी का निधन बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हुआ है, और उनकी मौत ने देश के भविष्य को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। “जुलाई विद्रोह” के बाद शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया गया था, और हादी इस परिवर्तन में एक प्रमुख व्यक्ति थे।
