भारत की संसद ने आज ‘विकसित भारत गारंटी फॉर एम्प्लॉयमेंट एंड लाइवलीहुड मिशन ग्रामीण’ (VB-G RAM G) बिल को मंजूरी दे दी है, जो दशकों से चली आ रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) योजना का स्थान लेगा। इस महत्वपूर्ण विधेयक के पारित होने की प्रक्रिया हंगामेदार रही, जिसमें विपक्ष ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए सदन से वॉकआउट किया।
राज्यसभा में मध्यरात्रि के आसपास ध्वनि मत से बिल को पास कर दिया गया। इससे पहले, लोकसभा ने भी गुरुवार को विपक्ष के विरोध और वाकआउट के बीच इस बिल को अपनी सहमति दे दी थी। विपक्ष विशेष रूप से इस बात से नाराज है कि नए कानून से महात्मा गांधी का नाम हटा दिया गया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में बिल प्रस्तुत किया। विपक्ष के सदस्यों के विरोध प्रदर्शन और बाद में सदन से बाहर चले जाने के कारण, बिल को ध्वनि मत से पारित घोषित किया गया। बिल पारित होने के बाद, विपक्षी सांसदों ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया।
विपक्षी दलों ने बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की, लेकिन जब उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो उन्होंने इसे तुरंत वापस लेने का दबाव बनाया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर गरीबों के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने बिल को “सामंती मानसिकता” का प्रतीक बताया। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि सत्ता में आने पर वे MNREGA को पुनर्जीवित करेंगे।
बिल का बचाव करते हुए मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राजग सरकार महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करती है और VB-G RAM G बिल का उद्देश्य ग्रामीण रोजगार और आजीविका को मजबूत करना है। उन्होंने कांग्रेस पर ही गांधीजी के विचारों को कमजोर करने का आरोप लगाया।
