अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हाल ही में ब्राउन यूनिवर्सिटी में हुई गोलीबारी की घटना को लेकर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में हैं। उनके ट्वीट में विरोधाभास होने के कारण सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उन्हें ‘गलत सूचना फैलाने’ और ‘जागरूकता की कमी’ का आरोप लगाया है।
**राष्ट्रपति ट्रम्प के बयान और सोशल मीडिया का रिएक्शन**
ब्राउन यूनिवर्सिटी में गोलीबारी की घटना की खबर आते ही, राष्ट्रपति ट्रम्प ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने लिखा, “मुझे ब्राउन यूनिवर्सिटी में हुई गोलीबारी के बारे में ब्रीफ किया गया है। एफबीआई मौके पर है। संदिग्ध को पकड़ लिया गया है।” यह पोस्ट जल्द ही वायरल हो गई।
हालांकि, इस पोस्ट के कुछ ही मिनटों के भीतर, राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने अपने पहले के बयान का खंडन किया। उन्होंने लिखा, “ब्राउन यूनिवर्सिटी पुलिस ने अपने पिछले बयान को बदल दिया है। संदिग्ध अभी हिरासत में नहीं है।” इन दोनों पोस्टों के बीच के समय ने सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस छेड़ दी।
**ऑनलाइन यूजर्स की राय**
कई इंटरनेट यूजर्स ने राष्ट्रपति के इन बयानों को भ्रमित करने वाला बताया। एक यूज़र ने टिप्पणी की, “ट्रम्प को जानकारी नहीं है। यह खतरनाक है।” एक अन्य यूज़र ने सीधे तौर पर कहा, “वह बहुत बेवकूफ हैं।” कुछ ने यह भी सवाल उठाया कि राष्ट्रपति वास्तविक समय में पुलिस की आधिकारिक जानकारी का खंडन क्यों कर रहे थे।
वहीं, कुछ ट्रम्प समर्थकों ने उनका बचाव करते हुए कहा कि जैसे ही स्थिति स्पष्ट हुई, उन्होंने अपनी गलती को सुधारा। एक यूज़र ने कहा, “उन्होंने फौरन अपना बयान वापस ले लिया।” एक और यूज़र ने लिखा, “आरोप लगाने से पहले अगली पोस्ट पढ़ें।”
**पुलिस और मेयर का आधिकारिक बयान**
प्रोविडेंस पुलिस के उप प्रमुख टिम ओ’हारा ने बाद में स्पष्ट किया कि अधिकारियों ने गलती से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था, लेकिन उसकी कोई संलिप्तता न पाए जाने पर उसे छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि शूटर एक व्यक्ति था जिसने काले कपड़े पहने थे और बारस एंड हॉली इंजीनियरिंग भवन में तलाशी के बावजूद उसे नहीं पकड़ा जा सका।
प्रोविडेंस के मेयर ब्रेट स्माइली ने पुष्टि की कि इस घटना में दो लोगों की जान गई है और आठ लोग गंभीर रूप से घायल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जांच अभी जारी है और हताहतों की संख्या में बदलाव हो सकता है। एफबीआई ने भी स्थानीय पुलिस को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
