भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं में प्रमुखता से **दर्पण जैन** का नाम सामने आया है, जिन्हें द्विपक्षीय व्यापार सौदे की अगली कड़ी का नेतृत्व करने के लिए मुख्य वार्ताकार नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति भारत सरकार की ओर से पुरानी व्यापार संबंधी रुकावटों को दूर करने और संबंधों में नई ऊर्जा लाने के स्पष्ट संकेत के रूप में देखी जा रही है।
कर्नाटक कैडर के 2001 बैच के एक अनुभवी आईएएस अधिकारी, दर्पण जैन, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में उनकी गहन जानकारी और भारत का प्रतिनिधित्व करने का उनका प्रभावशाली रिकॉर्ड उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है। वे राजेश अग्रवाल का स्थान लेंगे, जिन्हें अब वाणिज्य सचिव के महत्वपूर्ण पद पर पदोन्नत किया गया है।
यह उम्मीद की जा रही है कि दर्पण जैन अपनी विशेषज्ञता और रणनीतिक सोच से भारत के पक्ष को मजबूत करेंगे। हालांकि अग्रवाल का पद भले ही बदला हो, वे वरिष्ठ स्तर पर वार्ता प्रक्रिया की देखरेख और महत्वपूर्ण रणनीतिक फैसलों में अपनी भागीदारी जारी रखेंगे, जिससे सौदे में निरंतरता बनी रहेगी।
दर्पण जैन ने वाणिज्य मंत्रालय में बिताए अपने लगभग छह वर्षों के कार्यकाल में विभिन्न देशों के साथ कई जटिल व्यापार समझौतों और बाजार पहुंच से जुड़े वार्ताओं को सफलतापूर्वक संभाला है। संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे बड़े व्यापारिक साझेदार के साथ बातचीत की कमान उन्हें सौंपना उनके अनुभव और व्यापारिक ढांचे की गहरी समझ का ही प्रमाण है।
नौ दिसंबर से शुरू होकर ग्यारह दिसंबर तक चलने वाली इस उच्च-स्तरीय बैठक में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत रिक स्विट्जर कर रहे हैं। वार्ता का मुख्य सत्र दस और ग्यारह दिसंबर को होगा, जिसमें बाजार पहुंच, व्यापार संबंधी बाधाएं, कृषि उत्पाद, सेवा व्यापार, डिजिटल वाणिज्य और निवेश जैसे संवेदनशील मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएंगे।
दोनों देशों का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को अंतिम रूप देना और उन मुद्दों को सुलझाना है, जो महीनों से प्रगति में बाधा डाल रहे थे। टैरिफ, बाजार पहुंच की शर्तें और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को लेकर चले आ रहे मतभेद वार्ता को बार-बार विलंबित करते रहे हैं, ऐसे में यह नई नियुक्ति दोनों पक्षों के लिए एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, दर्पण जैन जैसे अनुभवी अधिकारी का नेतृत्व भारत की व्यापार वार्ता रणनीति में एक नए, अधिक व्यवस्थित और तकनीकी रूप से केंद्रित दृष्टिकोण का संकेत देता है। यह माना जा रहा है कि उनके जमीनी अनुभव और वार्ता कौशल भारत के पक्ष को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे।
यह बैठक भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों के भविष्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। दोनों देश व्यावहारिक समाधानों की तलाश में हैं जो उनकी अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभकारी सिद्ध हों। दर्पण जैन के नेतृत्व में, भारत इन वार्ताओं में अधिक आत्मविश्वास और एक सुदृढ़ रणनीतिक योजना के साथ उतर रहा है।
