गोवा के एक हाई-प्रोफाइल नाइटक्लब में लगी आग ने न केवल 25 जिंदगियां छीन लीं, बल्कि देश के सुरक्षा नियमों और प्रवर्तन एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। इस त्रासदी के बीच, नाइटक्लब के मालिक सौरभ और गौरव लुथ्रा, जिन पर नियमों की अवहेलना का आरोप है, आसानी से देश छोड़कर भागने में सफल रहे।
यह घटना तब हुई जब अर्पोरा में ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में देर रात आग भड़की। पुलिस को सूचित किए जाने के बावजूद, आरोपियों को भागने से रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं हुई। लुथ्रा बंधुओं ने कथित तौर पर आग लगने के कुछ घंटों के भीतर ही दिल्ली हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ान पकड़ ली। उनके विदेश जाने के बाद ही सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उन्हें रोकने के लिए कदम उठाए गए, जो उनकी समन्वयहीनता को दर्शाता है।
अब इंटरपोल की मदद से लुथ्रा बंधुओं को खोजने का प्रयास किया जा रहा है। गोवा सरकार ने उनके एक अन्य अवैध निर्माण को भी ध्वस्त कर दिया है। प्रारंभिक जांचों से पता चलता है कि आग लगने वाले नाइटक्लब में उचित सुरक्षा उपाय नहीं थे और किचन जैसी सुविधाएं भी गैर-कानूनी तरीके से चलाई जा रही थीं। इन गंभीर उल्लंघनों पर आग लगने के बाद ही ध्यान गया।
लुथ्रा बंधुओं का यह भागना विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे भगोड़ों की याद दिलाता है, जिन्होंने बड़े वित्तीय घोटालों के बावजूद देश छोड़ा। यह घटना एक बार फिर शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा कानूनी लूपहोल का फायदा उठाने और सिस्टम में मौजूद खामियों को उजागर करती है। यह सवाल उठता है कि कब ऐसे लोग जवाबदेह ठहराए जाएंगे और कब आम नागरिकों का न्याय प्रणाली पर भरोसा बना रहेगा।
