दुमका जिले में रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने और युवाओं के कौशल को निखारने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने सोमवार को विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें रोज़गार सृजन, श्रमिक कल्याण और कौशल विकास से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में नवंबर में आयोजित रोज़गार मेले की प्रगति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, और उपायुक्त ने आगामी 24 जनवरी 2026 को होने वाले मेगा रोज़गार मेले को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए।
**युवाओं को रोज़गार से जोड़ने की रणनीति**
उपायुक्त ने आगामी रोज़गार मेले में अधिक से अधिक युवाओं को शामिल करने और प्रतिष्ठित कंपनियों को आकर्षित करने के लिए एक सुनियोजित रणनीति बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि युवा सही अवसरों से जुड़ सकें। काउंसलिंग के लिए नियुक्त 20 प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों को मेले की तैयारियों और प्रक्रिया की पूरी जानकारी देने को कहा गया, ताकि वे छात्रों को प्रभावी करियर मार्गदर्शन दे सकें।
**श्रमिक पलायन एक चिंता का विषय, समाधान पर मंथन**
बैठक के दौरान, उपायुक्त ने श्रम विभाग से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि कई श्रमिक काम की तलाश में जिले से बाहर जा रहे हैं। इस पलायन को रोकने के लिए, उपायुक्त ने जेएसएलपीएस, मनरेगा और अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर पैदा करने और श्रमिकों को इनसे जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उन पंचायतों की पहचान करने का आदेश दिया, जहाँ से पलायन सबसे अधिक हो रहा है। इन पंचायतों में विशेष शिविरों का आयोजन कर श्रमिकों का पंजीकरण, उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना और स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसे प्राथमिकता के आधार पर ‘मिशन मोड’ में संचालित करने को कहा गया है।
**आईटीआई प्रशिक्षण और प्लेसमेंट को बढ़ावा**
सरकारी आईटीआई संस्थानों के प्रदर्शन की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों के प्लेसमेंट दर को बढ़ाने पर ज़ोर दिया। आईटीआई प्रबंधकों को उद्योग जगत के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने और अधिक कंपनियों को कैंपस प्लेसमेंट के लिए आमंत्रित करने हेतु प्रेरित किया गया।
