नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी अल्पकालिक भारत यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे, जहां उनका राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और सीडीएस जनरल अनिल चौहान जैसी प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं।
राष्ट्रपति भवन में पुतिन को औपचारिक सलामी दी गई, जो भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक और मजबूत संबंधों का प्रतीक है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सामरिक साझेदारी को इस स्वागत समारोह से और बल मिला है।
राजघाट पर राष्ट्रपिता को किया सलाम
अपने स्वागत के बाद, राष्ट्रपति पुतिन ने दिल्ली के राजघाट का दौरा किया। उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। यह कदम भारत के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।
गुरुवार शाम दिल्ली आगमन और पीएम मोदी से मुलाकात
राष्ट्रपति पुतिन गुरुवार शाम दिल्ली पहुंचे थे, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत किया था। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और एक-दूसरे को गले भी लगाया। इसके उपरांत, वे एक ही कार में प्रधानमंत्री आवास की ओर रवाना हुए।
पीएम आवास पर हुई विशेष रात्रिभोज
रात्रिभोज के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई। वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
पीएम मोदी ने भेंट की गीता की रूसी प्रति
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति रूसी भाषा में भेंट की। यह भेंट दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पीएम मोदी ने इस उपहार के बारे में कहा कि भगवद्गीता दुनिया भर में शांति और ज्ञान का संदेश देती है।
यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूक्रेन संघर्ष के बीच हो रहा है, और यह फरवरी 2022 के बाद राष्ट्रपति पुतिन की पहली ऐसी विदेश यात्रा है। इससे भारत-रूस की सदाबहार दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी की महत्ता स्पष्ट होती है।
