इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने सैन्य सचिव, मेजर जनरल रोमन गॉफमैन को देश की प्रतिष्ठित विदेशी खुफिया एजेंसी, मोसाद के अगले प्रमुख के रूप में चुना है। यह नियुक्ति तब हुई है जब डेविड बार्निया का कार्यकाल अगले साल जून में समाप्त होने वाला है। गॉफमैन, जो नेतन्याहू के करीबी माने जाते हैं, खुफिया तंत्र में अपने अनुभव की कमी के बावजूद इस महत्वपूर्ण पद पर काबिज होंगे।
1976 में बेलारूस में जन्मे गॉफमैन का इजरायल से गहरा नाता है। 1990 में वे इजरायल आए और पांच साल बाद सेना में शामिल हो गए। उन्होंने बख्तरबंद कोर में सेवा दी, 188वीं बख्तरबंद ब्रिगेड में टैंक कमांडर रहे और बाद में 7वीं बख्तरबंद ब्रिगेड की 75वीं बटालियन की कमान संभाली। उनके सैन्य करियर में 36वीं डिवीजन में ऑपरेशंस ऑफिसर का पद और वेस्ट बैंक में तैनाती भी शामिल है। 210वीं ‘बशान’ रीजनल डिवीजन के कमांडर के रूप में सेवा देने के बाद, 7 अक्टूबर के हमलों के दौरान वे गाजा सीमा पर तैनात थे और एक हमले में घायल भी हुए थे।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि गॉफमैन ‘असाधारण पेशेवर क्षमताओं’ वाले एक ‘अत्यधिक प्रतिष्ठित अधिकारी’ हैं। यह भी बताया गया है कि युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव के रूप में उनकी भूमिका ने उनकी नेतृत्व क्षमता और जटिल परिस्थितियों से निपटने की उनकी योग्यता को साबित किया है। बयान में गॉफमैन के ‘दुश्मन की गहरी समझ, पूर्ण विवेक और कड़ाई से गोपनीयता’ बनाए रखने की क्षमताओं पर जोर दिया गया है।
प्रधान मंत्री के कार्यालय का मानना है कि गॉफमैन मोसाद के निदेशक के पद के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं। उनकी नियुक्ति इस बात का संकेत है कि नेतन्याहू सुरक्षा और खुफिया मामलों में जमीनी अनुभव के साथ-साथ व्यक्तिगत विश्वास को भी महत्व देते हैं। गॉफमैन को हमास के खिलाफ वर्तमान संघर्ष में मोसाद के साथ समन्वय में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देखा गया है।
