नई दिल्ली: भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय यात्रा का आगाज एक असाधारण दृश्य के साथ हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हवाई अड्डे पर प्रोटोकॉल को दरकिनार कर रूसी राष्ट्रपति का स्वागत किया और उन्हें अपनी टोयोटा फॉर्च्यूनर में बिठाकर रवाना हुए। यह कृत्य पश्चिम और पाकिस्तान दोनों के लिए एक शक्तिशाली भू-राजनीतिक संदेश था।
यह व्यक्तिगत जुड़ाव उस रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है जो दोनों देशों के बीच व्यक्तिगत भरोसे और आपसी समझ पर टिकी है। पुतिन का मोदी के साथ एक आम भारतीय एसयूवी में सफर करना, नई दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था में मास्को के विश्वास का प्रतीक है।
पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोप के लिए, यह कदम भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का स्पष्ट प्रमाण है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए वैश्विक सहयोग की राह पर चल रहा है। इस स्वागत समारोह ने यह स्थापित किया कि भारत किसी भी बाहरी दबाव के आगे झुकेगा नहीं और अपनी संप्रभुता को बनाए रखेगा।
सबसे दिलचस्प बात यह रही कि राष्ट्रपति पुतिन, जो आमतौर पर अपनी अति-सुरक्षित लिमोजीन में यात्रा करते हैं, उन्होंने भारत में एक टोयोटा फॉर्च्यूनर को चुना। यह वाहन, जो भारत में काफी लोकप्रिय है, सामान्य भारतीय राजनेताओं द्वारा उपयोग किया जाता है। यद्यपि इस विशिष्ट वाहन को सुरक्षा की दृष्टि से अपग्रेड किया गया था, इसकी सादगी पुतिन के लग्जरी वाहनों से बिल्कुल अलग थी।
यह साधारण एसयूवी, पुतिन के लिए सुरक्षा के साथ-साथ भारत के प्रति विश्वास का एक मजबूत संकेत थी। यह पाकिस्तान के लिए भी एक अप्रत्यक्ष चेतावनी थी कि भारतीय नेतृत्व की सुरक्षा व्यवस्था पर पूरा भरोसा किया जा सकता है, यहां तक कि सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक नेताओं के लिए भी।
यात्रा की यह रणनीति, दिल्ली में हाल ही में हुए बम विस्फोटों के मद्देनजर और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इन घटनाओं के बावजूद, भारत ने न केवल सुरक्षा का आश्वासन दिया, बल्कि एक ऐसे दृश्य के माध्यम से आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया जिसने किसी भी प्रकार के भय को दूर किया।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्रपति पुतिन को अपनी फॉर्च्यूनर में ले जाना, केवल एक यात्रा का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह एक शक्तिशाली बयान था। इसने दुनिया को दिखाया कि भारत एक सुरक्षित, संप्रभु राष्ट्र है जो अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपनी नीतियों को निर्धारित करता है। यह सादगीपूर्ण सवारी, वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती शक्ति और स्वतंत्रता का प्रतीक बन गई।
