देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो, इन दिनों गंभीर परिचालन चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसके कारण उड़ानें रद्द हो रही हैं और यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देते हुए एयरलाइन को यात्रियों के हितों की रक्षा करने और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने का निर्देश दिया है।
**किराया वृद्धि पर रोक, यात्रियों को मिले राहत**
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, श्री किंजरापु राम मोहन नायडू, ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और इंडिगो के शीर्ष प्रबंधन के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की। इस बैठक में, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी सूरत में हवाई किराए में अनावश्यक वृद्धि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने एयरलाइन को यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आदेश दिया।
इंडिगो ने उड़ान रद्दीकरण के लिए क्रू की अनुपलब्धता, नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FTL) के नियमों का अनुपालन और खराब मौसम जैसी समस्याओं का हवाला दिया। हालांकि, मंत्री ने इन कारणों पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि एयरलाइन के पास इन बदलावों के लिए पर्याप्त समय था और उन्हें बेहतर योजना बनानी चाहिए थी।
**2026 तक सामान्य होंगी उड़ानें, DGCA की कड़ी निगरानी**
DGCA ने अपनी समीक्षा में पाया कि इंडिगो की प्रतिदिन औसतन 170-200 उड़ानें रद्द हो रही हैं, जो चिंताजनक है। इंडिगो ने DGCA को सूचित किया है कि वे 8 दिसंबर से अपने उड़ान संचालन को कम करेंगे और उम्मीद है कि फरवरी 2026 तक सामान्य परिचालन बहाल हो जाएगा।
एयरलाइन ने यह भी चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में और भी उड़ानें रद्द हो सकती हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को निर्देश दिए हैं कि वे सभी एयरपोर्ट्स पर स्थिति पर कड़ी नजर रखें और फंसे हुए यात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान करें। DGCA को भी निर्देश दिया गया है कि वह उड़ान रद्दीकरण के दौरान किराए की कीमतों पर पैनी नजर रखे।
इंडिगो को यात्रियों को रद्दीकरण की सूचना समय पर देने और होटल जैसी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। DGCA ने एयरलाइन से क्रू की भर्ती, विमानों के बेड़े का विस्तार, प्रशिक्षण और सुरक्षा उपायों से संबंधित एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने की भी मांग की है। गुरुवार को, इंडिगो ने 550 से अधिक उड़ानें रद्द कीं, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाओं पर पानी फिर गया।
